दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- हो सकता है कि नीचे लिखी ख़बर को पढ़कर कुछ लोगों को तकलीफ होंगी,कुछ झिल्ला उठेंगे और कुछ तारीफ करेंगे। पर मक़सद हमारा सवाल खड़ा करना बिल्कुल नही है लेकिन न्याय करने में डिंडोरी राजस्व और नगर परिषद ने यह भेदभाव क्यों किया यह सभी के मन मे बातें उठ रही है जो बीते दो दिनों से सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप में बेझिझक लिखी भी जा रही है। कहा जा रहा है कि किन्ही दो लोगों को फायदा पहुचाने के लिए जिला परिवहन कार्यालय परिसर में काबिज पांडे भोजनालय जो बीते लगभग 30 वर्षो काबिज रहा उसे हटाया गया है राजस्व टीम के द्वारा,जबकि पांडे भोजनालय का कुछ हिस्सा परिवहन विभाग की भूमि में रहा और कुछ निजी व्यक्ति की भूमि में।इसी तरह से डिंडोरी नगर के अवंती बाई चौक से ऊपर की ओर देखा गया जहा कई दुकान को नुकसान तो कई को राहत दी गई।
वही जिला परिवहन अधिकारी ने गेट के बाएं तरफ जमाए गए दो से तीन ठेलो को हटवानेे में क्यों दिलचस्पी नहीं ली जबकि पांडे भोजनालय को हटवाने में बाकायदा पत्राचार किया गया था। जिला परिवहन अधिकारी ने उस दीवार को गिराकर अपना ट्रैक्टर रोजाना खड़े करने वाले के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही के लिए क्यों बड़ा कदम नही उठाया जिसमें हजारों का नुकसान दीवार गिराकर किया और आज भी रोजाना ट्रैक्टर खड़े किए जा रहे है वह भी पूरी दबंगई से यह भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।
सूत्रों की माने तो जिला परिवहन अधिकारी और उनके खासमखास माने जाने वाले ऑपरेटर पंकज बाबू जो निर्णय लेते है उसी पर अंतिम मुहर लगती है फिर चाहे कोई जिला परिवहन विभाग की संपत्ति को भले ही नुकसान पहुँचा दे ,अगर उनसे इन दोनों की करीबी है तो एकाद पत्राचार नोटिस का जारी कर यह महज खानापूर्ति कर मामले को ठंडा कर देते है।
पांडे भोजनालय के लिए डिंडोरी नगर के बहुत से लोगों की सहानुभूति है क्योंकि पांडे भोजनालय को संचालित करने वाले महज तीन सदस्य है जिनमें बुजुर्ग पति पत्नी और उनका मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटा। ऐसे में उनकी रोजी रोटी में नुकसान पहुँचाकर डिंडोरी राजस्व टीम ने कई लोगों को फायदा पहुँचाया हैं,जिस पर लोग अब सवाल खड़ा कर रहे है।
डिंडोरी के संवेदनशील जिला कलेक्टर विकास मिश्रा से नगर के लोगों की अपेक्षा है कि इस पूरे मामले में जिला परिवहन कार्यालय में मौके पर जांच कर दोषी लोगों पर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना चाहिए।