दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- जिला पशु चिकित्सालय कार्यालय में बड़े साहब और बाबू के कमरों में बगैर उनकी मौजूदगी के लाइट और पंखे घंटो चलते रहे,जिसका वीडियो सेवाजोहार की टीम द्वारा न सिर्फ बनाया गया बल्कि प्रमुखता से चलाया गया। जानकारी विभाग के साहब सहित कलेक्टर तक जा पहुँची। पशु विभाग में यह छोटी सी मनमानी की सीमा जो चरम पर पार करने वाली है जिस पर लगाम लगाया जाना जरूरी भी है। क्योंकि बिजली का भुगतान शासन द्वारा किया जाना है वह भी जनता के पैसों का खुला दुरपुयोग है।
वही सूत्रों की माने तो साहब उस दौरान मार्केट में थे सब्जी हाथों में थी और कदम लस्सी काउंटर की तरफ बढ़ रहे थे शायद बढ़ती गर्मी में शरीर का तापमान को कम करने साहब लस्सी का स्वाद लेने गए हो। लेकिन जब आप अपने कार्यालय के दफ्तर से बाहर निकलते है तो जिम्मेदारी आपकी भी बनती है कि चालू पंखे और बल्ब का बटन बंद कर दे ताकि बिजली की बचत की जा सके। लेकिन पद है साहब को तो भला बटन कैसे दबे उनसे,उसके लिए भी कर्मचारी जो तैनात है कार्यालय में ?
वैसे तो पशु विभाग की खामियों की कहानी किसी से छिपी नहीं है इस लिए पूर्व के साहब की बदनीयत के चलते उन्हें पद से रुख्सत किया गया था ताकि आगे से शासकीय योजनाओं को पलीता न लगाया जा सकें। लेकिन हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते ही जा रहे है। खैर यह तो विभाग और प्रशासन के बीच का मामला है जिस पर आइना दिखाने का काम जरूर सेवाजोहार (मप्र छग) जारी रखेगा।