नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 01 व 06 में सीसी सड़क निर्माण में गड़बड़ी का मामला
सेवाजोहार (डिंडोरी):- जिले में विकास के कामों में किस कदर भ्रष्टाचार हावी हैं इसके एक नही बल्कि अनेको मामले सामने हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के लचर कार्यप्रणाली के चलते गुणवत्ताहीन निर्माण और फर्जीवाड़े कर भुगतान कर शासन को क्षति पहुंचाने अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
कुछ ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय के नगर परिषद अंतर्गत वार्ड क्रमांक 06 और वार्ड क्रमांक 01 में घटिया तरीके से लाखों रुपए की सीसी सड़क निर्माण करा ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान किया गया था। जिसकी शिकायत एडवोकेट सम्यक् जैन ने लोकायुक्त के समक्ष करते हुए तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री सहित ठेकेदार पर ज़िम्मेदारी तय करवाकर भारतीय दंड सहित व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई किये जाने की मांग किया था, मध्य प्रदेश लोकायुक्त के निर्देश पर आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग ने जिम्मेदारों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश पारित किया है।
ये है पूरा मामला
वार्ड क्रमांक 01 व 06 में बनाई गई घटिया सड़क मामले में एड. सम्यक ने 19 सितंबर, 2020 को पत्र भेजकर पीएमओ से लिखित शिकायत कर सड़क की गुणवत्ता और निर्माण में हुए घोटाले की जानकारी दी थी। शिकायत के आधार पर पीएमओ ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देशित कर रिपोर्ट तलब की थी। इससे पहले सम्यक ने 8 जुलाई को मप्र के लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता को भी सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी दी। जिस पर संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने प्रमुख सचिव, म. प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग को निर्देशित कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन लोक आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा था। जिस तारतम्य में संयुक्त संचालक ने जाँच टीम गठित कर जाँच कराई जिसमे पाया की वार्ड न 06 गणेश मंदिर से सुधीर जैन के घर तक सीमेंट सड़क की टॉप लेयर की मोटाई 15 से.मी के स्थान पर 7.0- 7.5 से.मी का पाया गया जबकि माप पुस्तिका पर 15 से.मी का माप दर्ज किया गया है। वही वार्ड 01 में जबलपुर मुख्य मार्ग से इमली कुटी तक सीसी रोड निर्माण कार्य का ठेकेदार द्वारा टॉप लेयर निर्धारित मोटाई 15 से.मी. के स्थान पर 09 से. मी. का कार्य किया गया जबकी माप पुस्तिका में 15 से. मी. का माप दर्ज किया गया है। जिस माप पुस्तिका में माप दर्ज कर प्रथम एवं अंतिम देयक राशि रुपये 7,34,499 का तैयार किया जाकर राशि रुपये 5,75,452 का ठेकेदार को भुगतान किया गया। कार्य स्थल पर निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री एवं कार्य निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं पाया गया । जाँच प्रतिवेदन में निविदाकार द्वारा निर्धारित मापदंड एवं मानक के अनुरूप कार्य न किए जाने से एवं उपयंत्री द्वारा कार्य के दौरान निरक्षण में लापरवाही बरतने के कारण कार्य गुदवत्ताहीन पाए जाने से उक्त आशुतोष सिंह उपयंत्री, एवं शशांक आर्मो मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद डिंडोरी का कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं राज्य शासन के प्रति अधिकारियों की निष्ठा संदिध होने का परिचायक है। अधिकारियों का यह कृत्य मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 92 में वर्णित प्रावधान के विपरीत है साथ ही उक्त कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। जिसके लिये मुख्य नगर पालिका अधिकारी व उपयंत्री को उत्तरदायी बताया गया ।
रहवासियों ने पूर्व नप अध्यक्ष तेकाम से की थी शिकायत
वार्ड क्रमांक 6 के रहवासियों ने 4 मार्च को सिर्फ 15 दिन में नई सड़क उखड़ जाने की शिकायत तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम से की थी। इसके बाद नप अध्यक्ष समेत उपाध्यक्ष महेश पाराशर, निर्माण समिति अध्यक्ष और वार्ड पार्षद पुरुषोत्तम विश्वकर्मा ने मुख्य मार्ग से लेकर गणेश मंदिर रोड तक का व्यक्तिगत तौर पर मुआयना किया था। साथ ही गुणवत्ताहीन कार्य पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ठेकेदार के सभी कार्यों की जांच कार्यपालन यंत्री स्तर पर कराने के लिए पत्र भी लिखा था। निर्माण कार्य नागौद (सतना) के पौराणिक ट्रेडर्स एंड सप्लायर के जरिए हुआ था। कई महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। वार्ड क्रमांक 06 में जैन परिवार के घर से गणेश मंदिर तक लगभग 7 लाख 50 हजार रुपए की लागत से क़रीब 250 मीटर की सड़क बनाई गई थी, जो महज 15 दिन में गिट्टियों में तब्दील हो गई थी। वही वार्ड क्र. 01 में मेन रोड से इमलीकूटी डैम घाट तक बनाई गई थी। लिहाजा सम्यक ने संज्ञान लेकर लोकायुक्त में मामला दर्ज कराकर सख्त कार्यवाही करने का निवेदन किया था।