सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश शासन ने जारी की गरीब कैदियों हेतु सहायता योजना“ऐसे गरीब कैदी जो आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना जमानत राशि न चुका पाने के कारण जेल से रिहा नही हो पा रहे है, इनको वित्तीय सहायता प्रदाय किये जाने हेतु “गरीब कैदियों हेतु सहायता योजना“ प्रारंभ की गई है। भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB को सेन्ट्रल नोडल एजेंसी CNA बनाया गया है। राज्य स्तर पर जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं मुख्यालय को स्टेट नोडल एजेंसी बनाया गया है। स्टेट नोडल एजेंसी SNA के नोडल अधिकारी श्री जे.पी. सूल्या, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोबाइल नं. 9826443409 हैं।
राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की गई है। रस्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी, राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सचिव होंगे। जिला स्तर पर योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति गठित की गई है। यथाप्रयोज्य संबंधित जिला मुख्यालय के अधीक्षक केन्द्रीय जेल जिला जेल, जिला स्तरीय निगरानी समिति के सचिव होंगे।
योजनांतर्गत वित्त पोषण
योजना के क्रियान्वयन हेतु सेन्ट्रल नोडल एजेंसी के स्तर पर कैनरा बैंक Central Nodal Account में खोला गया है। इसी तर्ज पर राज्य स्तर पर State Nodal Account खोला गया है। SNA की मैपिंग CNA से PFMSपर की गई है।
ऐसे गरीब विचाराधीन दोषी कैदी जो न्यायालय द्वारा जुर्माना जमानत राशि के आदेश होने के 07 दिन तक भी राशि जमा नही होने के कारण जेल से रिहा नही हो पाते है। योजनांतर्गत वित्तीय सहायता हेतु पात्र होंगे।
ऐसे कैदी जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धन शोधन निवारण अधिनियम, एनडीपीएस या गैर कानूनी रोकथाम अधिनियम या कोई अन्य अधिनियम जो कालांतर में शासन द्वारा प्रावधानित किया जाये के अंतर्गत कैद होंगे, वे इस योजना के लाभ के पात्र नहीं होंगे। योजनांतर्गत स्वीकृति/अनुशंसा की प्रक्रियाः-
विचाराधीन कैदियों के लिये
विचाराधीन कैदी जो जमानत देने के आदेश होने के 07 दिन के भीतर, जमानत की राशि जमा न करने के कारण जेल से रिहा नही हो पाते हैं, की सूचना संबंधित जेल अधीक्षक द्वारा जिला स्तरीय निगरानी समिति को प्रेषित की जायेगी एवं ऐसे विचाराधीन कैदी को योजनांतर्गत वित्तीय सहायता प्रदाय करने हेतु प्रकरण तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी द्वारा प्रकरण में पूछताछ एवं जाँच की जायेगी कि क्या विचाराधीन कैदी जमानत की शर्तों के संदर्भ में जमानत हासिल करने के लिए जमानत देने की स्थिति में नही है, सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति के द्वारा वित्तीय सहायता के लिए प्रकरण जिला स्तरीय निगरानी समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के पूर्व यथावश्यक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से यथोचित मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकेगा। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण प्रस्तुति के पूर्व कैदी की वित्तीय स्थिति ज्ञात करने के लिए आवश्यकता अनुसार सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संस्थाओं, जिला परिवीक्षा अधिकारी, राजस्व अधिकारी से सहायता प्राप्त कर सकेंगे। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति पूछताछ एवं जाँच उपरांत चिन्हांकित पात्र प्रकरणों को प्रत्येक 2 सप्ताह में जिला स्तरीय निगरानी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर पात्र प्रकरणों में वित्तीय लाभ प्रदाय किये जाने हेतु यथाप्रयोज्य स्वीकृति अनुशंसा की जायेगी।
प्रत्येक कैदी हेतु अधिकतम राशि रूपये 40 हजार, प्रत्येक प्रकरण के मान से राशि जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा स्वीकृत की जा सकेगी। राशि स्वीकृति का आदेश जिला स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित किया जायेगा जिसे समिति के सचिव द्वारा भुगतान हेतु स्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी को प्रेषित किया जायेगा। जमानत हेतु आवश्यक राशि रूपये 40 हजार से अधिक होने की दशा में जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर, अधिकतम राशि से अधिक राशि प्रदाय करने हेतु राज्य स्तरीय निगरानी समिति को अनुशंसा कर सकेगी। जिला स्तरीय निगरानी समिति के सचिव द्वारा राज्य स्तरीय निगरानी समिति को अनुशंसा संबंधी प्रस्ताव मय कार्यवाही विवरण एवं संपूर्ण दस्तावेज, स्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जायेगा। ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होने पर राज्य स्तरीय निगरानी समिति, प्रकरण का परीक्षण उपरांत प्रस्ताव युक्तियुक्त पाये जाने पर वित्तीय सहायता स्वीकृत कर सकेगी। राशि स्वीकृति का आदेश राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सचिव द्वारा जारी किया जायेगा।
सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति, जमानत राशि रूपये 40 हजार से अधिक होने की दशा में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से माननीय न्यायालय से राशि कम कराने की कार्यवाही भी कर सकेंगे।
दोषी कैदियों के लिये
दोषी कैदी जो जुर्माना देने के आदेश होने के 07 दिवस के भीतर राशि का भुगतान न कर पाने के कारण जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं की सूचना जेल अधीक्षक द्वारा जिला स्तरीय निगरानी समिति को प्रदाय की जायेगी एवं ऐसे दोषी कैदी को योजनांतर्गत वित्तीय सहायता प्रदाय करने हेतु प्रकरण तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी द्वारा प्रकरण में पूछताछ एवं जाँच की जायेगी कि क्या दोषी कैदी जुर्माना की राशि देने की स्थिति में नही है सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति के द्वारा वित्तीय सहायता के लिए प्रकरण जिला स्तरीय निगरानी समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के पूर्व यथावश्यक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से यथोचित मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकेगा। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण प्रस्तुति के पूर्व कैदी की वित्तीय स्थिति ज्ञात करने के लिए आवश्यकता अनुसार सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संस्थाओं, जिला परिवीक्षा अधिकारी, राजस्व अधिकारी से सहायता प्राप्त कर सकेंगे। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा पूछताछ एवं जाँच उपरांत चिन्हांकितपात्र प्रकरणों को प्रत्येक 2 सप्ताह में जिला स्तरीय निगरानी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर पात्र प्रकरणों में वित्तीय लाभ प्रदाय किये जाने हेतु यथाप्रयोज्य स्वीकृति अनुशंसा की जायेगी। प्रत्येक कैदी हेतु अधिकतम राशि रूपये 25 हजार, प्रत्येक प्रकरण के मान से राशि जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा स्वीकृत की जा सकेगी। राशि स्वीकृति का आदेश, जिला स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित किया जायेगा जिसे समिति के सचिव द्वारा भुगतान हेतु स्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी को प्रेषित किया जायेगा।
जुर्माना हेतु आवश्यक राशि रूपये 25 हजार से अधिक होने की दशा में जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर, अधिकतम राशि से अधिक राशि प्रदाय करने हेतु राज्य स्तरीय निगरानी समिति को अनुशंसा कर सकेगी। जिला स्तरीय निगरानी समिति के सचिव द्वारा राज्य स्तरीय निगरानी समिति को अनुशंसा संबंधी प्रस्ताव मय कार्यवाही विवरण एवं संपूर्ण दस्तावेज स्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जायेगा। ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होने पर राज्य स्तरीय निगरानी समिति, प्रकरण का परीक्षण कर उपरांत प्रस्ताव युक्तियुक्त पाये जाने पर वित्तीय सहायता स्वीकृत कर सकेगी। राशि स्वीकृति का आदेश राज्य स्तरीय निगरानी समिति के सचिव द्वारा जारी किया जायेगा। सचिव, जिला स्तरीय निगरानी समिति, जुर्माना राशि रूपये 25 हजार से अधिक होने की दशा में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से माननीय न्यायालय से राशि कम कराने की कार्यवाही भी कर सकेंगे।
जुर्माना जमानत राशि आहरण, जमा एवं वापस प्राप्त करने की प्रक्रिया
वित्तीय सहायता के स्वीकृति आदेश प्राप्त होने के उपरांत स्टेट नोडल एजेंसी के नोडल अधिकारी द्वारा स्वीकृत राशि संबंधित माननीय न्यायालय को प्रदाय करने की कार्यवाही की जायेगी और माननीय न्यायालय को प्रकरण में प्रदाय राशि की जानकारी जिला स्तरीय निगरानी समिति को भेजी जायेगी। जुर्माना राशि, न्यायालय में प्रचलित प्रक्रिया अनुसार (साइबर ट्रेजरी या अन्य किसी माध्यम से) चालान के द्वारा माननीय न्यायालय के लिए निर्धारित जमा शीर्ष में जमा की जायेगी एवं जमानत राशि प्रचलित प्रक्रिया अनुसार (एफ.डी. के माध्यम से) संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत की जायेगी।
जमानत हेतु राशि प्रदाय किये गये कैदी को दोषसिद्ध या दोषमुक्त किया जाता है तो संबंधित न्यायालय से राशि वापसी के संबंध में प्रचलित प्रक्रिया अनुसार पारित आदेश/आदेश पारित कराया जाकर, राशि, स्टेट नोडल एजेंसी के बैंक अकांउट में वापस प्राप्त करने की कार्यवाही सचिव, स्टेट नोडल एजेंसी के द्वारा जिला स्तरीय निगरानी समिति के प्रस्ताव अनुसार की जाएगी, उस दशा जबकि दण्ड प्रक्रिया संहिता 389 (3) के प्रावधानों के तहत उक्त राशि का उपयोग विचारण न्यायालय द्वारा किया जाए, जब आरोपी अपीलीय अदालत में जमानत हेतु अपील करें और अपीलीय अदालतों द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 389 (1) के तहत जमानत दे दी जाए।