वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा
सेवाजोहार (डिंडोरी) :– जिले के बड़झर सड़क हादसे के बाद शुक्रवार के दिन जिला मुख्यालय में अचानक ही वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया,जिसमे परिवहन विभाग से प्रभारी परिवहन अधिकारी पहली दफा बतौर औपचारिकता कार्यवाही करते नजर आए,जबकि इससे पहले यह कार्य यहां पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर किया करते थे। बता दें की यह वही प्रभारी परिवहन अधिकारी है ,जो गुना बस हादसे के बाद भी नही जागे थे,और सेवा जोहार द्वारा सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित करने के बावजूद यात्री बस संचालकों को खुला संरक्षण दिया जा रहा था,जो आज भी बदस्तूर जारी है।इसके अलावा यातायात इंस्पेक्टर सुभाष उइके ने बताया की उनके द्वारा संपूर्ण डिंडोरी नगर बगैर परमिट,बगैर फिटनेस,बगैर बीमा और बगैर सेफ्टी किट के चल रहे वाहनों सहित समूचे आदिवासी अंचल से पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा कुल 158 वाहन चालकों पर चालानी कार्यवाही कर एक लाख पंद्रह हजार सौ रुपए का सम्मन शुल्क वसूल किया गया।
सेवा जोहार ने किया था आगाह ..
बता दें की जिले में आज भी ऐसे अनेकों वाहन बेखौफ हो दौड़ रहे हैं जिनमे ना परमिट है,ना फिटनेस और ना ही बीमा,बावजूद इसके यह यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर बेखौफ जिले भर की सड़कों पर दौड़ रहे है।और गुना ,पन्ना ,सीधी जैसा हादसा ना हो इसके लिए सेवाजोहार ने लगभग चंद माह पूर्व ही शासन – प्रशासन को खबरों के माध्यम से आगाह किया था,लेकिन शासन प्रशासन नही चेते और घोर लापरवाही के चलते सड़क हादसे में 14 लोग काल के गाल में समा गए।
यह भी है जिम्मेदार
प्रदेश का संभवतः यह पहला जिला है जहां का परिवहन विभाग यहां बीते कुछ वर्षों से प्रभारी के भरोसे संचालित हो रहा है,और तो और यह कहने में भी कोई अतिशयोक्ति नहीं की इस गंभीर सड़क हादसे में परिवहन विभाग के साथ जिले के पुलिस प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है।वह इसलिए की आदिवासी जिले के तमाम थाना – चौकियों में आए दिन चेकिंग अभियान चलाए जाते है,बावजूद इसके ऐसे वाहन इनसे बच निकलते है,जिनके ना तो फिटनेस है और ना ही बीमा । और बडझर सड़क हादसा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
क्या अब जागेंगी संवेदनाएं ..?
सड़क हादसे के बाद से ही एक्स और सोशल मीडिया पर संवेदनाएं प्रकट करने के tweet और वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहे है,जिसमे देश के प्रधानमंत्री , ग्रह मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल है। लेकिन अहम सवाल यह है की आखिर ऐसे हादसों से उबरने के लिए शासन – प्रशासन की संवेदनाएं कब जागेंगी…? या फिर गुना बस हादसे की ही तरह प्रदेश में बतौर औपचारिकता एक सप्ताह के लिए कोरी घोषणाएं की जाएंगी..? क्यों की जिले के हालात तो कुछ यही बयां कर रहे हैं।