Monday, December 1, 2025

मतदान होते ही फिर शुरू हुआ अवैध शराब का कारोबार , सोशल मीडिया में आबकारी और पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली पर उठे सवाल ?

वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा

सेवाजोहार (डिंडोरी) — जिला मुख्यालय में एक बार फिर अवैध शराब के कारोबार ने पैर पसारना आरंभ कर दिया है,चुनाव आचार संहिता के चलते मतदान होने तक भले ही पुलिस प्रशासन ने सख्ती से इसे नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की थी,लेकिन मतदान होते ही शराब कारोबारी के मंसूबे देख आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन की संदिग्ध कार्यप्रणाली अब नगर वासियों के बीच चर्चा का विषय है की आखिर शराब माफियाओं ने इन्हे कौन सी घूटी पिला दी की मतदान के बाद शराब के अवैध कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली..? सेवाजोहार ने यह पहले ही बताया था की शराब कारोबारी ठेके की लगभग 40 प्रतिशत राशि की भरपाई जिला मुख्यालय से ही करता है और सूत्रों की माने तो यह तमाम जानकारी सत्ताधारी राजनीतिक दल के साथ विपक्ष व जिले के आला अधिकारियों के संज्ञान में भी है,लेकिन बावजूद इसके यह कारोबार एक बार फिर बेखौफ अंदाज में चल निकला है।

शहर में लगभग 50 से ऊपर ठिकाने –– भाजपा सरकार की कथनी और करनी को दर्शाता यह सच आपको भी हैरान कर देगा की शहर में प्रतिबंध के बाद भी लगभग 50 ठिकाने ऐसे है ,जहां पान ठेलों, होटल – ढाबों और गुमटी नुमा अंडा बिरयानी की दुकानों के अलावा किराना कारोबार की आड़ में अवैध शराब के कारोबार ने रफ्तार पकड़ी है और बीते वर्षों में कोतवाली पुलिस और आबकारी की कार्यवाही भी इस सच पर पर्दा नहीं डाल सकती। महत्वपूर्ण विषय तो यह भी की इन अवैध कारोबारियों को संरक्षण देने का कार्य भी एक स्थानीय कारोबारी द्वारा बखूबी किया जा रहा है,जो अपने राजनीतिक रसूख के बलबूते इस कारोबार को गति दे रहे हैं।

पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल — बता दें की शहर के चप्पे – चप्पे पर पुलिस प्रशासन ने कैमरे लगा रखे है और शहर में अवैध शराब की खेप भी इन्ही कैमरों की निगाह से होते हुए प्रवेश कर रही है और इन निगाहों पर तनिक भी कार्य किया जाए तो शराब कारोबारी की मजाल नही की वह यहां अपने नापाक मंसूबों में कामयाब होने पाए फिर पुलिस भी रात भर गश्त कर रही है,और अखबारी सुर्खियां भी यह बता रहीं हैं अवैध शराब शहर तक किन ठिकानों से पहुंच रही है,लेकिन पुलिस ने इस पर अनेकों कार्यवाही के बावजूद पड़ताल नही की और ना ही यह दर्शाने का प्रयास किया की शहर में अवैध शराब की पूर्ति किन ठिकानों से हो रही है, क्यों..? फिर अमूमन यह भी देखा गया है की जब कभी भी अवैध शराब के कारोबार को नियंत्रित करने पुलिस द्वारा कार्यवाहियां की गई है तो वह पुलिस अधीक्षक से निर्देश उपरांत स्पेशल टीम गठित कर ही की गई ,क्यों..? जनता भी यह सच जानना चाहती है की आखिर ऐसा क्यों..?

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