Monday, December 1, 2025

शहडोल में रेत माफ़िया द्वारा एएसआई की वाहन से रौंद कर हत्या मामलें में चीफ जस्टिस से संज्ञान लेने लिखा पत्र।

मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शहडोल जिले में रेत माफिया द्वारा एएसआई की हत्या के मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है।

सेवाजोहार (डिंडोरी):-अधिवक्ता सम्यक जैन और मनन अग्रवाल ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को पत्र लिखकर रेत माफिया के ट्रैक्टर द्वारा ऑन ड्यूटी सहायक उप निरीक्षक की कथित हत्या/मृत्यु के मामले में स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है और अनुरोध किया है की शहडोल में अवैध खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहे अपराधियों से मिलीभगत करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच/कार्रवाई की माँग की है ।

युवा अधिवक्ता सम्यक जैन और मनन अग्रवाल द्वारा लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि, पूरे मध्य प्रदेश में अवैध रेत खनन की घटनाएं बड़े पैमाने पर हैं। पिछले नवंबर में शहडोल में एक दुखद घटना सामने आई, जहां राजस्व विभाग के एक अधिकारी प्रसन्न सिंह की जान चली गई। कथित तौर पर रेत माफिया से जुड़े होने के कारण, सोन नदी के पास अवैध रूप से खनन की गई रेत ले जा रहे एक ट्रक को रोकने का प्रयास करते समय एक ट्रैक्टर ने उन्हें कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था । उक्त घटना से जुड़ा एक मामला फिर सामने आया है, जहां शहडोल जिले में रेत माफिया के ट्रैक्टर ने एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) की कथित तौर पर कुचलकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान महेंद्र बागरी के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, शहडोल में सहायक उपनिरीक्षक महेंद्र बागरी दो कांस्टेबल- प्रसाद कनोजी और संजय दुबे के साथ अवैध खनन की जाँच करने गए थे। अवैध रेत ले जा रहे तेज रफ्तार ट्रैक्टर को रोकने के प्रयास में महेंद्र बागरी की कुचलकर मौत हो गई। हालाँकि, दोनों कांस्टेबल अपनी जान बचाने के लिए भागने में सफल रहे और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। चालक और उसके सहायक को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि ट्रैक्टर का मालिक अभी भी फरार है। पुलिस ने सूचना देने वालों को 30,000/- रु.ईनाम देने की घोषणा की हैं।

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि शहडोल जिले में अवैध खनन को रोकने वाले अधिकारी को कुचल देना एक फैशन बन गया है, शहडोल जिले में अवैध खनन संचालन और परिवहन की लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी सक्षम प्राधिकारी यानी (खनन विभाग) इस पर अंकुश लगाने में विफल रहा है।

अधिवक्ताओं ने बड़े पैमाने पर अवैध खनन को रोकने के लिए अदालत के निर्देशों की मांग करने के अलावा, अपराधियों के साथ मिलीभगत करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

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