दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डेस्क):- देश की सुरक्षा और सीमा का एक एक हिस्सा जिनके कंधों पर है आज उन्ही को अपने घर को बचाने के लिए जिले की राजस्व टीम के सामने सीना तान कर खड़े होने को मजबूर होना पड़ रहा है। उस फौजी के दिल पर क्या गुजर रही होगी शायद मंडला राजस्व टीम ने भी यह नहीं सोचा होगा। भला हो फौजी के महिला पड़ोसियों का जिन्होंने जेसीबी के आगे खुद को खड़ा कर राजस्व टीम को चुनौती दे डाली और जमकर अमले को खरी खोटी सुनाई जिसके बाद मंडला कोतवाली पुलिस बल के साथ आई राजस्व टीम को अपनी जेसीबी के साथ वापस लौटना पड़ा। यह पूरा घटना क्रम बेहद ही शर्मनाक रहा जो यह दिखाता है की राजस्व विभाग को देश की सुरक्षा में तैनात उस फौजी के जस्बात और दस्तावेजों से कोई लेना देना नहीं है। ऐसा नहीं है की वह फौजी कही बाहर से आकर बसा है वह भी मंडला शहर के शांति नगर का सपूत है जो देश की सुरक्षा के लिए मणिपुर में तैनात है। लेकिन मंडला राजस्व टीम और एक शातिर पड़ोसी के चलते उसे कई महीनों से मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा है इस बात की पीड़ा फौजी सुखचैन मरावी ने मौके पर आई मीडिया के सामने रखी।
सुलझाया जा सकता है मामला : मंडला जिला प्रशासन को डिंडोरी जिला कलेक्टर विकास मिश्रा से ऐसे मामलो के लिए जरूर सीख लेना चाहिए। डिंडोरी कलेक्टर ने जिले के उन सभी फौजी परिवारों को इस बात की सहूलियत दी है की उनके राजस्व प्रकरणों को बड़े ही गम्भीरता के साथ न सिर्फ सुलझाया जाएगा बल्कि योजना और बच्चो की पढ़ाई के लिए समुचित मार्गदर्शन के साथ सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा ताकि जिले का कोई भी जवान जो देश की सुरक्षा में तैनात है उसे या उसके परिवार के सदस्यों के राजस्व प्रकरण के लिए जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर न काटना पड़े ।
बहरहाल फौजी सुखचैन मरावी के महिला पड़ोसियों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। महिला पड़ोसियों ने फौजी सुखचैन मरावी और उसकी पत्नी जिसका रो रोकर बुरा हाल था उसे पूरा भरोसा दिया है की जब जिस समय आप हमे बुलाएंगे उतने समय हम आपके साथ हैं आपको न डरने की जरूरत है और न किसी के सामने झुकने की जरूरत। हमारे मंडला का लाल देश की सुरक्षा के लिए तैनात है तो हम भी उसके घर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।