दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में एक निर्दयी परिवार ने बच्ची के जन्म लेते ही उसे सूनसान इलाके में फेक का भाग गया। कलयुगी परिवार ने फेंकने से पहले यह नहीं सोचा की नवजात बच्ची को जमीन के कीड़े मकोड़े काट कर नुकसान पहुंचा सकते है या गली के कुत्ते उसे नोच कर खा जायेंगे, लेकिन कहते है न जाको राखे साइयां मार सके न कोई : यह कहावत चरितार्थ भी हुईं। नवजात बच्ची पर ग्रामीणों की नजर पड़ी , पास जाकर उन्होंने देखा की बच्ची की सांसे चल रही है,बिना देर किए ग्रामीणों ने 108 में फोन कर सारी जानकारी दी। उस समय 108 वाहन के चालक पायलट सागर बर्मन एमटी नरेंद्र कुमार काल पर थे।
नरेंद्र के कानों तक जैसे ही बात पहुंची फिर क्या था पायलेट सागर बर्मन ने अपने 108 वाहन की स्टेरिंग घटना स्थल की तरफ मोड़ दी और फौरन उस जगह पर अपनी टीम के साथ पहुंचे जहा नवजात बच्ची भगवान की आस में सांसे गिन रही थी। तब तक न जाने कितने छोटे मोटे कीड़ों ने उसे नुकसान पहुंचाया होगा। नरेंद्र ने नवजात बच्ची को लेकर सागर बर्मन के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समनापुर पहुंचे और सकुशल इलाज के लिए भर्ती कराया जहा बच्ची इलाज जारी है।
अब सवाल यह खड़ा हो रहा है की आखिर वह कौन सा परिवार है ,कौन है उस नवजात बच्ची की मां जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े को मरने के लिए छोड़ दिया। यह वजह या कौन सी मजबूरी थी की उन्होंने यह निंदनीय कदम उठाया। हालाकि वजह जो भी हो ऐसे लोग समाज में रहने लायक नहीं है,पुलिस और प्रशासन को जानकारी जुटा कर ऐसे लोगो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। इस पूरे मामले में समनापुर पुलिस थाना के एस आई पारस यादव ने बताया है की अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 317 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बच्ची डिंडोरी जिला चिकित्सालय में भर्ती है।