सेवाजोहार (डिंडोरी) : आदिवासी महापंचायत के द्वारा डिंडोरी एंव मण्डला में सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संगठनों के कार्यकर्तागणों की बैठक सदगुरू काम्पलेक्स में आयोजित की गई, जिसमें समाज के राष्ट्रीय,राज्यस्तरीय तथा क्षेत्रीय मुददों पर चर्चा की गई, जिसमें जिले से बड़ी संख्या में पलायन, बांधों से होने वाले विस्थापन, वन अधिकार मान्यता कानून का पूर्ण क्रियान्यवयन, पेसा ग्रामसभाओं का सशक्तिकरण, पेसा नियमों का पालन नहीं होना, ग्राम सभाओं के आदेशों का उल्लंघन होना, जलवायु परिवर्तन का प्रकृति एंव आम आदमी पर प्रभाव, संशोधित वन संरक्षण अधिनियम के आदिवासियों पर प्रभाव, जल जंगल जमीन के मुददे, रोजगार के मुददे, शिक्षा के मुददे, रोजगार गारंटी के मुददे, शासकीय योजनाओं का क्रियान्यवयन ग्रामीण जनों तक कैसे पंहुचे, वनों की अवैध कटाई, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, आदि मुददों पर विचार मंथन किया गया, मूल भूत विषयों पर जानकारी बैठक में जानकारी समाजसेवीयों ने एक दूसरे से साझा किया आदिवासी महापंचायत आदिवासी क्षेत्रों में बैठक कर क्षेत्रीय मुददों का संकलन कर आदिवासी वचन पत्र का प्रकाशन करेगी जिसमें प्रदेश के जीवंत मुददे एंव राष्ट्रीय मुख्य मुददे प्रकाशित किए जायेंगे, जिससे राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन, छात्र संगठन, कर्मचारी संगठन, तथा प्रदेश सरकार आदिवासी मुददों से परिचित हो सके।
बैठक में राजाबली मरावी आदिवासी महापंचायत म.प्र., इन्द्रपाल मरकाम प्रदेश अध्यक्ष जयस, सुखना कुंजाम गोंडवाना महासभा निवास, टी.एस. मरावी, श्यामकुमारी धुर्वे ग्रामसभा परसेल, चैन सिंह धुर्वे अण्डई, एड. केहर सिंह वर्मे, एड. राहुल श्रीवास्तव, विजय सेन, समाधान पाटिल, राजेन्द्र सैयाम, शिव पूषाम, एंव अन्य समाजसेवी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन समाजसेवी हरी सिंह मरावी के द्वारा किया गया।
आदिवासी समाज के सभी सम्मानिये सदस्यों को मेरा सेवा जोहार मैं तो अभी बहुत छोटा पर मैं कहना चाहता हूं कि समाज के मुख्य प्रतिनिधि का एक जिला के दूसरे जिला से संपर्क नहीं है क्या? और एक राज्य के मुख्य प्रतिनिधि के दूसरे राज्य के प्रतिनिधि से संपर्क भी नहीं है लगता है अगर है तो cg का हसदेव जंगल अदानी कंपनी के द्वारा कोयला उत्खनन के लिए काटा जा रहा है और इधर किसी आदिवासी पार्टियां खामोश हैं ये कैसा एकता है पूरा देश के आदिवासी होना चाहिए अगर एक राज्य में गलत हो रहा हो तो दूसरे राज्य में चका जाम होना चाहिए जैसे अभी हसदेव में गलत हो रहा है तो इधर भी चका जाम हो तब तो पता चले आदिवासी एक हैं। गलत लिखा गया हो तो क्षमा करे जोहार जय संविधान 🙏🙏🙏🙏