वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा
सेवाजोहार (डिंडोरी):- तीन रोज पूर्व ही समनापुर बी पी एम पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके नौकरी पाने के आरोप का खुलासा हमारे द्वारा किया गया था,लेकिन उक्त मामले में कोई कार्यवाही आगे बढ़ती,ठीक उससे पहले ही एक और चौंका देने वाला मामला पुनः सामने आ गया। जिसमे मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र समनापुर ने पत्र क्रमांक /सी एच सी / 2023 – 24 समनापुर,दिनांक 18/12/2023 के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डिंडोरी को बी पी एम किरण मेहरा एवं बी ए एम सीमा मरावी की कार्यप्रणाली से अवगत कराते हुए उचित कार्यवाही किए जाने व वित्तीय प्रभार किसी अन्य कर्मचारी को प्रदत्त किए जाने का निवेदन किया था। लेकिन लगभग 15 रोज होने को हैं और अब तलक किसी भी तरह की कार्यवाही सामने नहीं आई , जबकि जांच होने तक बतौर विकल्प अन्य और को भी प्रभार दिया जा सकता था।
लगाये गंभीर आरोप — पत्र में मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है की बी पी एम व बी ए एम को कार्यों ले लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितताओं के चलते कार्य सुधार हेतु विभागीय कर्मियों के माध्यम से पत्र प्रेषित किए गए थे, किंतु इनके द्वारा विभागीय पत्र लेने से लगातार इनकार किया जाता रहा। साथ ही वरिष्ट अधिकारियों के आदेश निर्देशों की अवहेलना भी की जाती हैं एवं विभागीय छवि को धूमिल करने का प्रयास भी किया जाता है।
विभागीय पत्रों को लेने से किया इंकार :- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डिंडोरी को प्रेषित किए गए पत्र में उन पत्रों का हवाला भी दिया गया है ,जिन्हे इन दोनो कर्मियों ने लेने से इंकार किया। जिसमे कार्यालय मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी के पत्र क्रमांक /सी एच सी/ 2023 – 24 /165 A समनापुर,दिनांक 21/08/2023 , पत्र क्रमांक/ सी एच सी/ 2023 – 24/92A/ समनापुर,दिनांक 04/07/2023, पत्र क्रमांक / सी एच सी/ 2023 – 24/271A समनापुर,दिनांक 29/11/2023, पत्र क्रमांक / मु. ख.चि.अ./2023 – 24 /242 – 244/समनापुर,दिनांक 09/11/2023 ,पत्र क्रमांक /मु. ख. चि. अ./2023 – 24 /220 समनापुर ,दिनांक 18/10/2023 और पत्र क्रमांक / मु. ख.चि. अ./ 2023 – 24 /212 समनापुर,दिनांक 17/10/2023 ।
जताई है आशंका – मुख्य खंड एवं चिकित्सा अधिकारी ने इस बात की आशंका भी जताई है की उक्त कर्मियों द्वारा लगातार पत्राचार की अवहेलना से यह प्रतीत होता है कि इनके द्वारा कार्य के प्रति घोर लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं,जिसके चलते पत्रों को अस्वीकार कर जवाब प्रस्तुत नही किया गया। स्थिति देख अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है की आने वाले समय में इनके द्वारा बड़ी वित्तीय अनियमितताएं जानबूझकर की जा सकती हैं। और इनका संलग्नीकरण किसी अन्य स्थान पर कर इनके वित्तीय प्रभार को कार्यालय में पदस्थ किसी अन्य कर्मचारी को किया जाना आवश्यक है।
बहरहाल पत्र का अध्यन करने उपरांत यह निष्कर्ष तो जरूर निकलता है की एक वरिष्ठ अधिकारी को अपने अधीनस्थ कर्मियों की शिकायत करने विवश होना पड़ रहा है, और कार्यवाही नही हो रही,क्यों ..? यह भी जांच का विषय है।
इनका कहना है :- मामला मेरे संज्ञान में है ,और जांच जारी है।
डॉक्टर रमेश मरावी ( प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी,डिंडोरी)