वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा
सेवाजोहार (डिंडोरी)- इन दिनों ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग डिंडोरी में पदस्थ उपयंत्री कमलेश धूमकेती लगातार अपनी विवादास्पद कार्यप्रणाली के चलते सुर्खियों में है,कभी घटिया निर्माण कार्यों के चलते तो कभी अपने आला अधिकारियों के आदेशों की नाफरमानी के चलते , यहां तक की इन्हे पुलिस का खौफ भी नही। बता दें की इंजीनियर कमलेश धूमकेति को हाल ही में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग डिंडोरी ने पत्र क्रमांक /3243 / /तक/ ग्रा . यां. से./ 2024 डिंडोरी, दिनांक 29/01/24 के माध्यम से एक बार पुनः कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है,जबकि इससे पहले भी उपयंत्री कमलेश धूमकेती को दो कारण बताओं सूचना पत्र पहले भी प्रेषित किए जा चुके है।
कार्यपालन यंत्री ने दी चेतावनी –– लगातार पत्राचार के बावजूद भी जब उपयंत्री कमलेश धूमकेती ने जवाब देना उचित नहीं समझा तो उपयंत्री महोदय को अंतिम चेतावनी पत्र जारी करते हुए तीन दिवस का समय दिया गया है,अन्यथा की स्थिति में उपयंत्री पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु वरिष्ट अधिकारियों को लेख किया जा सकता है।
पूरा मामला – बता दें की काज़वे कम स्टॉपडेम निर्माण कार्य कुकरा नाला औरई – धोरई में किया जा रहा है जो की उपयंत्री कमलेश धूमकेती के कार्यक्षेत्र अंतर्गत आता है। और कार्यपालन यंत्री ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया हैं कि उपयंत्री कमलेश धूमकेती द्वारा कार्यस्थल पर विभाग को विस्फोटक संबंधी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
संदेह के दायरे में पुलिस की भूमिका – यह तो सर्व विदित है की डिंडोरी जिला नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शुमार है, और महज पांच किलोमीटर के दायरे में निर्माण कार्य की आड़ में संबंधितों द्वारा विस्फोटक का प्रयोग पुलिस और प्रशासन की सहमति के बगैर किया गया। और स्वयं कोतवाली प्रभारी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही किए जाने की बात की थी,लेकिन आज दिनांक तलक कोतवाली पुलिस द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही नही की गई।