दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- मप्र के आदिवासी जिला डिंडोरी में अमरपुर जनपद क्षेत्र की ग्राम भैसवाही देश की आजादी की गवाह है जहाँ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व ठाकुर धोकल सिंह सांडया जैसे आदिवासी देश भक्त पैदा हुए और अंग्रेजी हुकूमत के जुल्म सितम,माल गुजारी,ठेकेदारी,साहूकारी प्रथा का पुरजोर विरोध कर हर समाज के लोगों के लिए क्रांति बन गए,उन्ही की याद में बीते साल सांडया परिवार के द्वारा स्व ठाकुर धोकल सिंह के साथ रहे तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को आमंत्रण दिया गया, स्व धोकल सिंह की मूर्ति का अनावरण समारोह आयोजित कर तमाम सेनानियों के परिजनों का सम्मान किया गया था।
स्व धोकल सिंह अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ वर्ष 1930 में जंगल सत्याग्रह में भाग लिए जिन्हें 10 सितंबर 1930 से 6 अप्रैल 1932 तक जबलपुर कारावास में सजा हुई। आदिवासी समाज के उत्थान के लिए स्व ठाकुर धोकल सिंह ने आजीवन कार्य किया,जिन्हें याद करते हुए डिंडोरी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश चंद जैन कहते है कि आदिवासी समाज के लिए स्व धोकल सिंह मिशाल थे जिन्हें अंग्रेजी गुलामी कतई पसंद नही थी और उन्होंने मुखर होकर उनके अत्याचारों का विरोध कर जंगल सत्याग्रह में भाग लिए और कारावास भी गए।
बीते साल ग्राम भैसवाही अपने गाँव के लाडले सपूत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व ठाकुर धोकल सिंह सांडया की याद में प्रतिमा स्थापित कर उसका अनावरण किया गया साथ ही स्व धोकल सिंह के साथ मे अंग्रेजो से लड़ाई लड़ने वाले तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों व वंशजो को मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आमंत्रण देकर उनका मंच से सम्मान कर पुराने संबंधो को मजबूत करने के उद्देश्य से आमंत्रण भी दिया गया था।
वर्ष 1931-32 में स्व ठाकुर धोकल सिंह ने अखिल भारतीय गौड़वाना गौड़ महासभा धर्म अदालत का गठन किया और आदिवासी समाज को जागरूक व जोड़ने का काम किया।आज भी उनकी बनाई टीम डिंडोरी सहित अन्य जिलों में समाज के लिये काम कर रही है, स्व धोकल सिंह उड़ीसा,बिहार उत्तरप्रदेश,गुजरात में ज्यादातर दौरा किये और समाज उत्थान के लिए काम किया।