सेवाजोहार (डिंडोरी):- जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करजिया के प्राचार्य एंव अधीक्षक द्वारा एक छात्रा की छात्रावास से अधिकृत रूप से बाहर जाने की सूचना पुलिस थाना करंजिया दिनांक 06.02.2024 को दी गई। पुलिस के अधक एवं साराहनीय प्रयास से उक्त संस्था एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करजिया की छात्रा सीनियर बालक छात्रावास डिंडोरी में अनाधिकृत रूप से पुलिस द्वारा पकड़ा गया, जो अत्यन्त आपराधिक श्रेणी में आता है। जो छात्रावस नियमों के आधार पर होता है।
बालक छात्रावास डिंडोरी में राजेश चौरे अधीक्षक पदस्थ है। जिले में विभागीय बैठकों में प्रत्येक माह अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा छात्रावास में निवास करने एंव छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था हेतु कड़ी निर्देश दिये जाते रहे है। साथ ही विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को भी अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा छात्रावास सुरक्षा के भ्रमण के निर्देश दिये गये। राजेश चौरे अधीक्षक विभागीय छात्रावासों के दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्यालय एवं वरिष्ठ अधिकारियों को धौके में रखकर छात्रावास नियमों के अनुसार पदीय दायित्वों का निवर्हन नहीं किये जाने से छात्रों द्वारा छात्रावस में छात्रा को बालक छात्रावास के कक्ष में प्रवेश कराके रूकवाया गया। जो अत्यन्त घोर निंदनीय एवं नियमों के विरूद्ध है।
राजेश चौरे के द्वारा पादेन दायित्वों का निवर्हन नियमानुसार नहीं किये जाने से बालक छात्रावास में बालिका का प्रवेश संभव हुआ। यदि राजेश चौरे अधीक्षक अपने पादेन दायित्व का निवर्हन करते होते तो उक्त कृत्य परिलक्षित नही होता, राजेश चौरे का विभाग में केवल सीनियर बालक छात्रावास का ही दायित्व है। उक्त कार्य के लिए शासकीय वेतन प्राप्त कर रहा है। किन्तु राजेश चौरे विभाग के नियमों के अनुसार पादेन दायित्व का निवर्हन नहीं किया जाकर उपरोक्त अपराध में संलिप्त होनो प्रतीत होता है। एक छोटे छात्रावास संस्था का संचालन का शासकीय वेतन प्राप्त किये जाने के उपरांत भी नियंत्रण किये जाने में सक्षम नहीं पाया गया। साथ ही सम्पूर्ण घटना उपरांत न तो विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को न ही सहायक आयुक्त कार्यालय को कोई जानकारी नहीं दी गई। कार्यालय को पुलिस से जानकारी प्राप्त होने के बाद लगभग स्वयं मेरे द्वारा एवं कार्यालय के अन्य कर्मचारियों द्वारा मोबाईल से 25 बार सम्पर्क करने की कोशिस की गई, किन्तु मोबाईल नहीं उठाई गई किन्तु घंटी जा रही थी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखापाल पी.के.चंदेल के माध्यम से खोज-बीन कराई गई। खोज करने पर चर्चा की तो राजेश चौरे के उक्त कृत्य के प्रति संवेदन नहीं पाया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि राजेश चौरे एक स्वेच्छाचारी है। यदि पुलिस द्वारा सावधानी से कार्यवाही नहीं की जाती तो राजेश चौरे की लापरवाही के कारण बहुत बड़ी घटना हो सकती थी। जिसके कारण
छात्र-छात्राओं में भावनात्मक ठेस पहुंची है। जो अत्यंत खेदजनक एवं गम्भीर नियमों के विरूद्ध है। उपरोक्त के कारण की गई लापरवाही शासकीय सेवक का कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। फलस्वरूप म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1966 के नियम 9 के तहत राजेश चौरे, अधीक्षक जनजातीय बालक छात्रावास डिण्डौरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी तथा चौरे का मुख्यालय उ.मा.वि. चांदरानी विकास खण्ड समनापुर जिला डिण्डौरी निर्धारित किया जाता है।