दीपक ताम्रकार की कलम से
पहले दोस्ती कर फसाया,फिर पैसा लगवाया और अब कंगाल कर मरने को छोड़ा,उपयंत्री पर लगाए ठेकेदार ने गंभीर आरोप!
सेवाजोहार (डिंडोरी): डिंडोरी जिले में एक उपयंत्री इन दिनों खासे सुर्खियों में बने हुए हैं। बने भी क्यों नहीं उपयंत्री साहब ने कारनामा ही कुछ ऐसा किया है कि आप को पता चले तो आप भी इनके कारनामे सुन कर हैरत में पड़ जाएंगे। बहरहाल ज्यादा दिनों तक मामला पर्दे के पीछे नहीं रखेंगे और पूरा काला सच उपयंत्री साहब का एक एक करके आप सभी के सामने लाएंगे।
दरअसल जिले की एक जनपद क्षेत्र में उपयंत्री साहब ने अपने एक चहेते ठेकेदार को लाखों रु का काम दिया वह भी एक नही बल्कि चार चार। ठेकेदार चूंकि बाहरी था तो उपयंत्री के भरोसे में आकर उसने अपने पाटनरों के साथ बड़ी रकम फसा दी और काम शुरू किया। काम भी उपयंत्री साहब की साइड में जहाँ कोई देखने ,रोकने ,टोकने वाला नहीं। ठेकेदार ने उपयंत्री के भरोसे में काम शुरू किया मन लगाकर और जैसे ही पहला भुगतान लाखों का ठेकेदार को हुआ तो उपयंत्री की नियत पलट गई। उपयंत्री ने कथित तौर पर बड़े साहबों को देने का नाम पर कुछ रकम ली,फिर माँ की बीमारी के नाम पर ठेकेदार के भरोसे में लेकर लाखों रु ले लिए इतना ही नही इन्ही उपयंत्री साहब ने ठेकेदार के एक ब्लेंक चेक को लेकर भी विड्राल करवा लिया। जिसके बाद ठेकेदार पर आर्थिक भार बढ़ता गया,चारो साइड पर मेटेरियल और उसका भुगतान भी ठेकेदार के द्वारा करवाया गया तब तक काम बढ़ता गया और उपयंत्री साहब इसी दौरान अपना ट्रांसफर दूसरे ब्लाक में करवा लिए,जिससे ठेकेदार परेशान होने लगा।
दूसरे उपयंत्री के आने से ठेकेदार की साइड का काम का मूल्यांकन समय पर न होने से भुगतान का लोड बढ़ने लगा जिससे ठेकेदार बीमार पड़ गया और जांच में शुगर,बीपी सब हाई निकल गया। ठेकेदार ने जिनसे जिनसे पैसा उधार लेकर साइड में काम शुरू किया था वे पैसा मांगने का तकाजा लगाने लगे यही नहीं कर्ज से मुक्तिके लिये ठेकेदार ने अपने घर पर रखें गहने भी गिरवी रख दिये और साइड में मेटेरियल गिरवाकर काम शुरू किया। फिर दूसरे उपयंत्री ने पहले उपयंत्री से साठगांठ कर ठेकेदार को फिर से मानसिक परेशान करना शुरू किया। ठेकेदार के साइड में न जाकर दूसरे उपयंत्री ने मूल्यांकन में लगातार देरी की,जिससे मजदूर भी भुगतान को लेकर ठेकेदार पर हावी हो रहे है। जिसकी शिकायत ठेकेदार कई जगहों पर कर चुका है।
दूसरे उपयंत्री ने ठेकेदार को उस साइड पर न जाकर काम को ग्राम पंचायत के हैंडओवर कर बचा भुगतान हड़पने की फिराक पर है जिसका 80 प्रतिशत काम ठेकेदार कर चुका है।वही ठेकेदार बाहरी होने की वजह से बेबस लाचार है विभाग के मुखिया सहित उपयंत्री से निर्माण कार्य के मूल्यांकन की गुहार भी लगा चुका है,लेकिन बेशर्म विभाग और उसके अधिकारी एक ही राग अलाप रहे है ,,,,,,,,,,,,?
अगली ख़बर में नाम सहित पूरे मामले की बारीकी से पड़ताल सहित ख़बर का इंतजार करिए और पढ़ते रहिए सेवाजोहार (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़)