सेवाजोहार (डिंडोरी):- दिनांक 26 नवंबर 2024 को जनपद पंचायत करंजिया में अखिल गोंडवाना महासभा, युवा ट्राईबल मोर्चा, अमरकंटक ट्रस्ट एवं कछारगढ़ ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष महासभा आयोजित की गई। इस सभा का मुख्य उद्देश्य करंजिया क्षेत्र के वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करना और इस पर प्रभावी कार्रवाई की मांग करना था।
वन विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
सभा में गोंडवाना महासभा के ब्लाक अध्यक्ष शिवप्रसाद सल्लम, ब्लाक सचिव गंगा सिंह परस्ते, एवं अन्य गणमान्य सदस्यों ने वन विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों का अत्यधिक शोषण किया जा रहा है। वन भूमि की अवैध कटाई, जंगली संसाधनों की चोरी, एवं आर्थिक अनियमितताओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
सभा में बताया गया कि वन विभाग द्वारा क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। वनों पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों को झूठे मामलों में फंसाने, अवैध वसूली करने और सरकारी योजनाओं का लाभ न दिलाने जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
शासन की उदासीनता पर सवाल
ज्ञापन में कहा गया कि इन सभी मुद्दों की जानकारी पहले भी प्रशासन को दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सरकारी तंत्र की इस उदासीनता के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। यह स्थिति आदिवासी समाज के अधिकारों और जीवनयापन पर गहरा आघात है।
दूसरे विभाग से जांच की मांग
सभा के दौरान महासभा के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान स्थिति में वन विभाग के अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। इसलिए महासभा ने जिला प्रशासन से मांग की कि इन मामलों की जांच वन विभाग के बजाय किसी अन्य स्वतंत्र विभाग या राज्य स्तर की जांच एजेंसी से कराई जाए। यह कदम पारदर्शिता और सत्यता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया
सभा के समापन पर अखिल गोंडवाना महासभा और युवा ट्राईबल मोर्चा के प्रतिनिधियों ने करंजिया के तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार के सभी बिंदुओं को उल्लेखित किया गया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपने के बाद तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि इस ज्ञापन की पूरी जानकारी कलेक्टर महोदय को दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस विषय पर आगे की प्रक्रिया कलेक्टर के निर्देशानुसार ही की जाएगी। तहसीलदार ने यह भी बताया कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द ही उचित कार्रवाई करेगा।
ग्रामीणों में बढ़ता असंतोष
सभा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे। उन्होंने वन विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। सभा में उपस्थित दीपक धुर्वे ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि हमारी आजीविका और अधिकारों का है। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की गई कि जिला अधिकारी और उपजिला अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाएं। महासभा ने आशा व्यक्त की कि जिला प्रशासन इस ज्ञापन को गंभीरता से लेकर समय पर कार्रवाई करेगा।
महासभा की ओर से मजबूत एकजुटता का संदेश
महासभा में यह संदेश भी दिया गया कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए संगठित है और भविष्य में किसी भी तरह के अन्याय का विरोध करेगा। सभा का आयोजन इस बात का प्रतीक था कि आदिवासी समाज न केवल अपने मुद्दों के प्रति सजग है, बल्कि उनका समाधान प्राप्त करने के लिए सक्रिय भी है।
ज्ञापन सौंपने और तहसीलदार के आश्वासन के बाद सभा शांतिपूर्वक समाप्त हुई। अब प्रशासन की ओर से इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात होगी।