सेवाजोहार (डिंडोरी):- डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में सोमवार को मंडी प्रांगण में शोभापुर में बनने वाले बांध से डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बांध निरस्त कराने के लिए एक दिवसीय महापंचायत का आयोजन किया जिसमें डिंडौरी और अनुपपुर जिले से सैकड़ों ग्रामीण लामबंद होकर शामिल हुए इस मौके पर किसानों ने शासन प्रशासन के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि शासन प्रशासन यहां जबरदस्ती बांध का निर्माण करवाने पर तुला हैं इसके लिए न तो डूब प्रभावित क्षेत्रों के पंचायतों से प्रस्ताव लिया गया है और न ही पेसा एक्ट के नियमों का पालन किया जा रहा हैं और न ही जिन लोगों के जमीन अधिग्रहण किया जा रहा हैं उनकी सहमति हैं बावजूद बांध का निर्माण कराने का क्या औचित्य है समझ में नहीं आ रहा हैं। महापंचायत में किसानों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी कीमत पर बांध का निर्माण नहीं होने देंगे।महापंचायत में बांध का विरोध करने पहुंचे सुरेन्द्र मरावी ने बातचीत में बताया कि बांध बनाने के लिए शासन प्रशासन छल कपट और साजिश कर रहा है उनकी उपजाऊ जमीनों को असिंचित बताया जा रहा हैं जबकि वें दोनों सीजन की फसलों से पर्याप्त पैदावार लेते हैं हमें किसी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए बस शासन प्रशासन यहां जबरदस्ती बांध न बनवाएं बल्कि तत्काल बांध निरस्त करवाने का आदेश जारी करें।
आमजनता के निर्णय के साथ हूं -शोभापुर में बन रहें बांध के विरोध में महापंचायत की सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक ओंमकार मरकाम ने कहा कि मैं आमजन के निर्णय के साथ हूं आप लोग जैसा फैसला करेंगे वह मेरे लिए सर्वमान्य होगा उन्होंने सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी माह में भोपाल से इस बांध का उद्घाटन किया माननीय प्रधानमंत्री को उद्घाटन करने का इतना ही शौक था तो निर्माण स्थल आकर करते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया यघपि 27 गांवों के किसान अपर नर्मदा परियोजना बांध से प्रभावित हैं नियमतह किसी भी डीपीआर को तैयार करने से पहले स्थानीय ग्रामवासियों से चर्चा किया जाता हैं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में उन्हें निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ सारे प्रारुप बताया समझाया जाता हैं पंचायत की ग्राम सभा में चर्चा किया जाता है लेकिन यहां किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा अंधेरे में रखकर निर्माण कार्य को बढ़ावा देने में लगे हैं जबकि पेसा एक्ट प्रभावशाली है बावजूद इसके प्राक्कलन के बाद सीधा टेंडर पास करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए ठेकेदार को भेज दिया गया यह नियम विरुद्ध हैं सरकार को संविधान के नियमों को पालन करते हुए काम करना चाहिए यह सरकार की तानाशाही हैं इसकी कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
गोरखपुर की सरपंच रामेश्वरी मार्को ने बांध का विरोध करते हुए कहा कि आदिवासी वर्ग के लोगों के पास रोजगार के लिए जमीन के अलावा कोई विकल्प नहीं है इन्हें जमीन के बदले में कितना भी मुआवजा मिल जाए यह खेती के अतिरिक्त कोई व्यापार नहीं कर सकते लिहाजा बांध का निर्माण उचित नहीं है
हरि सिंह मरावी ने कहा कि पंचायत की ग्रामसभा में लिए गए निर्णय सर्व मान्य होता हैं लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं दिख रहा हैं बांध निरस्त कराने के लिए सड़क और कानून दोनों लड़ाई लड़ने की रुपरेखा बनाया जाएगा।
गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब आदिवासी की जमीन अन्य व्यक्ति नहीं खरीद सकता तो सरकार भी बिना किसानों कि सहमति के जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकता बावजूद इसके बांध बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है यह सरासर गलत हैं
ये रहें उपस्थित महापंचायत के आयोजन में राजबली मरावी
इंद्रपाल मरकाम जयस प्रदेश अध्यक्ष दीपक धुर्वे राकेश मरावी कस्बा के मुकद्दम लल्लू तेकाम ज्ञान तेकाम शिवचरण धुर्वे,ददन धुर्वे सालिक धुर्वे चंद्रविजय कुशराम लक्ष्मी तेकाम अमर सिंह परस्ते सहित बड़ी संख्या में डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोग मौजूद रहें। कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र तेकाम ने किया ।