दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- अनुकंपा नियुक्ति में नोकरी कर रहे रिश्वतखोर बाबू जो कुछ दिनों पूर्व जबलपुर लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा था, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसने बीईओ कार्यालय को ही उगाही का केंद्र बनाए हुए था। पिछले तीन महीनो में जितने भी लोगों का रिटायरमेंट हो चुका हैं उनमें अधिकांश लोगों को बाबू ने फाइल आगे बढाने और ऊपर साहबों तक देने के नाम पर अकूत कमाई अर्जित कर ली है।
लेकिन जैसे ही रिश्वतखोर बाबू जबलपुर लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा तो धीरे धीरे उसके द्वारा की गई उगाही के कारनामे लोगों के द्वारा दबी जुबान से अब सामने आने लगे है। मेहदवानी बीईओ कार्यालय में आज भी रिश्वतखोर बाबू का नेटवर्क खड़ा हैं क्योंकि जितने लोगो के नाम से यह रूपयो की उगाही करता था वे आज भी कार्यालय और आसपास अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ है जिनके योग्यता की अगर जांच हो तो खुलासे सामने आ जायेंगे।
सूत्रों की माने तो इस रिश्वतखोर बाबू ने अपने रिश्तेदार की पत्नी को गेस्ट टीचर में कराया और भाई को ऑपरेटर में लगवाया इतना ही नहीं सरकारी आवास जिसकी पात्रता भी नही है वे कई साल से ब्लाक कालोनी स्थित बॉयज हॉस्टल मेहदवानी में जमे हुए है,जिसकी जानकारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला की दी गई तो उनका कहना है जल्द दिखवाते है।
रिश्वरखोर बाबू की करस्तानी की पूरी किताब है जिसके पन्ने सेवाजोहार मध्यप्रदेश छत्तीसगड़ धीरे धीरे जनता तक सामने लायेगा। किस भरोसेमंद के नाम पर लाखों रुपए की जमीन मंडला जिले में इस रिश्वतखोर बाबू ने खरीदी है वह जानकारी भी सूत्रों से सामने आ रही है। वही लोकायुक्त पुलिस की जांच तक मेहदवानी के प्रभारी बीईओ को हटाकर किसी दूसरे को पदस्थ करना बेहद जरूरी है नही तो दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर अपने बचाव में ये करामात कर सकते है।
बहरहाल जबलपुर लोकायुक्त पुलिस मेहदवानी बीईओ कार्यालय में पदस्थ कुछ अधिकारी कर्मचारी से पूछताछ के लिए जबलपुर बुला चुकी है जिनकी कड़ियां रिश्वतखोर बाबू से जुड़ी हुई है,आगे अकूत संपत्ति की जांच इस रिश्वत कांड में शामिल लोगो की होनी चाहिए। ताकि हराम का धन रखने और खाने वालो की नींद चैन उड़ सके।