अधिवक्ता सम्यक् जैन व मनन अग्रवाल ने की पैरवी
सेवाजोहार (डिंडोरी):- ज़िले के गाड़ासरई थाना क्षेत्रंतार्गत शेख शमीम, कनिष्ठ आपुर्ति अधिकारी बजाग, जिला डिण्डौरी ने थाने में संलग्न अन्य ज़रूरी दस्तावेजो के साथ शासकीय उचित मूल्य दुकान पिण्डरूखी एवं कारोपानी लैम्प्स हर्रा की सेल्समेन के द्वारा दुकान पिण्डरूखी से 708.96 क्विटलं फोर्टिफाईड चावल तथा 15.44 क्विटलं गेंहू, अनुमानित मूल्य 28,97,717/- रूपये है एवं दुकान कारोपानी से 177.14 क्विटलं चावल तथा 21.66 क्विटलं गेंहू, 10 कि.ग्रा. शक्कर तथा 0.90 क्विटलं मूंग, अनुमानित मूल्य 7,81,681/- रूपये है, दोनो दुकानो के खाद्यान्न की जुमला राशि 36,79,398/- रूपये, का शासन से जारी म०प्र० सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की, कनिष्ठ आपुर्ति अधिकारी बजाग, जिला डिण्डौरी के द्वारा प्रस्तुत आवेदन मे लिखित, कंडिकाओ का स्पष्ट उल्लघंन करते हुये, खाद्यान्न की अफरा-तफरी कर अवैध लाभ अर्जित कर गबन किया गया था के विषय में प्राथमिकी दर्ज कराई थी । जांच रिपोर्ट व संलग्न अन्य दस्तावेजो के अवलोकन पर से अभियुक्तगण शासकीय उचित मूल्य दुकान पिण्डरूखी एवं कारोपानी लैम्प्स हर्रा (खरगहना) की सेल्समेन के विरूध्द प्रथम दृष्टया धारा 409, 420, ताहि एवं 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम का अपराध पाये जाने से आरोपी के विरूध्द धारा सदर का अपराध पंजीबध्द कर गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया था। जिसको अधिवक्ता सम्यक् जैन व मनन अग्रवाल के माध्यम से चुनौती दी गई थी जहां सत्र न्यायालय ने जमानत ख़ारिज कर दी थी जिस उपरांत अधिवक्ताओ ने हाई कोर्ट में जमानत अर्ज़ी पेश की जहां सुनवाई उपरांत आरोपी के रिहा के आदेश दिये गये ।
जाँच समिति ने शासकीय उचित मूल्य की दुकान में ये कमियाँ पाई
दिनांक 27/07/2023 को जनपद बजाग अंतर्गत संचालित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति हर्रा (खरगहना) की शासकीय उचित मूल्य की दुकान पिण्डरूखी की जांच स्थानीय पंचगणों तथा विक्रेता कुमारी अल्का मरावी व अन्य की उपस्थिति में की गई थी। जिसमें पाया गया था कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान पिण्डरूखी की पी.ओ. एस. मशीन तथा एईपीडीएस पोर्टल के ऑनलाइन स्टक रजिस्टर में प्रर्दषित मात्रा तथा शासकीय उचित मूल्य की दुकान पिण्डरूखी में भौतिक रूप से उपलब्ध स्टक में अंतर, शासकीय उचित मूल्य की दुकान पिण्डरूखी में 708.96 क्विटलं फोर्टिफाईड चावल तथा 15.44 क्विटलं गेंहू की मात्रा कम पाई गई व अफरा-तफरी कर अवैध लाभ अर्जित कर गबन किया गया है जिसकी बाजार मूल्य दर पर कुल राषि 28,97,717/- है के आरोप लगे थे।
ये दिये तर्क : अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि अंतर की गणना केवल ऑनलाइन पीडीएस पोर्टल के आधार पर की गई है और जांच अधिकारी ने कोविड-19 अवधि के दौरान ऑफ़लाइन प्रदान किए गए अंतर की गणना नहीं की है। इस मामले में, आरोपी का तबादला हो गया था और नुकसान पूर्व से प्रचलित में था जिसकी जानकारी अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब में बताया गया था परंतु नज़रंदाज़ कर दिया गया । पत्र में स्पष्ट रूप से दर्साया गया था कि अंतर उस अवधि का है जब उसने कार्यभार नहीं संभाला था। जिसको न्यायालय ने स्वीकार कर आरोपी को जमानत का लाभ दिया।
एक सेल्समेन को मिली अग्रिम जमानत
उक्त मामले में अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सम्यक् जैन व मनन अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत पेश की थी जहाँ जस्टिस देवनारायण की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई कर जमानत अर्ज़ी स्वीकार कर शासर्त जमानत दी।