इतनी बड़ी कार्यवाही में टीम ने मीडिया से बनाई दूरी
बड़ी नाकामी पुलिस की ,जवाबदारी किसकी तय होगी ?
सेवाजोहार (डिंडोरी) : जबलपुर टाइगर स्ट्राइक फोर्स और फॉरेस्ट टीम डिंडोरी को यह कतई अनुमान नहीं रहा होगा कि बाघ के जिस शिकारी की तलाश में वे डिंडोरी जिला के शहपुरा थाना क्षेत्र के गांव पड़रिया पहुंचे हैं वहा नशे का अवैध जखीरा मिलेगा ! जब कार्यवाही शुरू की गई तो टीम की आंखे फटी की फटी रह गईं और धरती खोदने को अमला मजबूर हुआ। खुदाई भी हाथों करते करते जब अमला थक गया तो जेसीबी मशीन बुलवाई गई और पूरा संदिग्ध जगह खोद दिया गया। जब जखीरा गांजे का निकला तो गिनती 12 घंटे में भी पूरी नहीं हो पाईं। वही इस पूरी कार्यवाही में एसटीएफ टीम फॉरेस्ट टीम और शहपुरा पुलिस मीडिया से दूरी बना कर रखी और कुछ भी जानकारी नहीं दी गईं।गांजा कितनी मात्रा में पाया गया है केवल लोग आंकलन लगा रहे है,वास्तविकता एसटीएफ टीम ही बता पायेगी।
शहपुरा पुलिस का दिखा बड़ा फेलुअर : इस पूरी कार्यवाही पर कई बड़े सवाल शहपुरा पुलिस पर खड़े हो रहे हैं। शहपुरा पुलिस का खुफिया तंत्र कैसे निष्क्रिय रहा,गांव के कोटवार,गांव की रक्षा समिति, बीट प्रभारी किसी को भनक क्यू नहीं लग पाईं की अपराधी अपनी योजना के तहत इतना कुछ जोड़कर रख चुके है । कैसे महंगी महंगी बाइक ये लोग खरीद लिए वह भी रेसिंग बाइक इनकी हरकतों पर नजर न रख पाना ही शहपुरा पुलिस की नाकामी रहीं,जिसके चलते आज यह बड़ा भांडा फोड़ एसटीएफ और फॉरेस्ट टीम ने किया।
डिंडोरी से लेकर भोपाल तक गर्माया मामला : पड़रिया गांव का यह मामला (जहां अवैध नशे का जखीरा मिला,हथियार मिले,बम मिले,बाइक मिली,वन्य प्राणियों को पकड़ने सामग्री मिली) अब भोपाल तक पहुंच चुका हैं जहां से बड़े लेवल के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं,यही वजह है की सुबह से कार्यवाही में जुटी जबलपुर एसटीएफ की टीम देर रात तक पड़रिया में डटी रही ताकि कोई कोताही न बरती जाएं। रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भी सौंपी जाएगी ताकि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही तय हो सकें,उनसे जवाब तलब हो सके की आपके थाना क्षेत्र में यह सब घटनाक्रम हुआ और आप क्यों सोते रह गए।
10 वर्षों में नेटवर्क तैयार : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पड़रिया गांव शहपुरा थाना क्षेत्र का वह संवेदनशील गांव हैं जहां कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। शहपुरा उमरिया मार्ग के बीच होने वाले कई घटनाक्रम का जुड़ाव पड़रिया से रहा हैं फिर उसे अनदेखा करना शहपुरा पुलिस पर भारी पड़ा।सूत्र यह भी बताते है की आरोपियों ने आधारकार्ड,समग्र आईडी बनवा कर जमीन तक खरीद रखी हैं जिसके बाद उन्होंने अपना तगड़ा नेटवर्क खड़ा किया। इन आरोपियों की संख्या का अनुमान शायद शहपुरा पुलिस को भी नहीं होगा कि कितने लोग अपराध की दुनिया में उस गांव से जुड़ चुके हैं। इतनी बड़ी मात्रा में गांजे की खेप को गांव लाना और फिर उसे जमीन में गाड़ना कोई एक दिन का काम नहीं होगा,गांजे का अवैध कारोबार कब से वहा चल रहा था यह भी शायद शहपुरा पुलिस न बता पायेगी।
उम्मीद यही जताई जा रही हैं की एसटीएफ टीम पत्रकार वार्ता जिला मुख्यालय में करें ताकि कार्यवाही से जुड़ी विस्तृत जानकारी पत्रकारों को दी जा सकें।