अधिवक्ता सम्यक् जैन ने मुख्य अभियंता के समक्ष पुनः निर्माण व कार्यवाही की रखी थी माँग
सेवाजोहार (डिंडोरी):- निर्माण विभाग डिंडोरी द्वारा सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी कर शहपुरा क्षेत्र के कोहानी देवरी मानिकपुर मार्ग का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जहां लोक निर्माण विभाग के तकनीकी अमले द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था जिसका फायदा निर्माण एजेंसी के ठेकेदार सुरेंद्र प्रसाद ओझा उठा रहे थे । हैरानी तो इस बात की है कि करोड़ों की सड़क निर्माण के दौरान जहां गुणवत्ताहीन डामर का उपयोग कर बीएम लेयर का कार्य किया जा रहा था वहीं इसको बिछाने व कंप्रेस के लिए मिनी रोड रोलर व बुलडोज़र चलाया जा रहा था वही अनुबंध की समय सीमा दिनांक 15.06.2024 को समाप्त हो चुकी थी । ठेकेदार के द्वारा दिनांक 04.04 2025 को मार्ग के किमी. 04 में बगैर पूर्व सूचना के कार्य प्रारंभ कर मिनि टेन्डम रोलर VMT 330 (3:30 टन) से कम्पेक्शन कर कार्य किया जा रहा था एवं पेवर मशीन खराब हो जाने पर बीएम के तीन लोड (हायवा) मिक्स जे.सी.बी. मशीन से फैलाकर कार्य किया जा रहा था जिसकी आपत्ति लेकर अधिवक्ता सम्यक् जैन ने मुख्य अभियंता को कार्य में रोक लगाने व पुनः निर्माण की माँग कर ठेकेदार के विरुद्ध विधि संगत कार्यवाही की माँग की गई थी जिस तारतम्य में पत्र मिलने के बाद विभाग में हलचल मच गई जिसके बाद फ़ौरन अधिकारी कर्मचारी मौक़े पर पहुँच कर पत्र में लगे आरोप की जाँच करने पहुँचे। जिसमें मार्ग के किमी 04 में लगमन 400 मीटर बीएम कार्य को अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा अमान्य पाया गया और कार्यपालन यंत्री को सूचित किया गया। जिसके फलस्वरूप कार्यपालन यंत्री ने स्वयं मार्ग का निरीक्षण / भ्रमण किया गया। जो कि अनुविभागीय अधिकारी के कथन / प्रतिवेदन सही पाये जाने पर कार्यपालन यंत्री द्वारा भी उक्त कार्य को अमान्य किया गया।
अमानक कार्य की सतह को उखाड़ पुनः निर्माण के दिये निर्देश
कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार को निर्देशित किया गया कि जो कार्य मानक स्तर का नहीं है जिसे अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अमान्य किया गया है, मार्ग के सतह से उखाड़ कर अलग करने के बाद अनुविभागीय अधिकारी को सूचित करने की उपरांत ही आगे का कार्य करें। साथ ही ठेकेदार को कार्यालयीन पत्रों के माध्यम से एवं मौखिक रूप से अनेकों बार निर्देशित करने के बाद भी आज दिनांक तक ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जाने पर ठेकेदार को स्वयं जवाबदार ठहराने की बात कही है ।