ग्राम घेवरी में आखिर क्यों बाटा गया सोसायटी से घुन लगा गेहूं,गोदाम से घटिया लाट किसने भेजा ?
सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर अधिकारी कर्मचारी किस तरह से पलीता लगा रहे हैं इसका नजारा जिला के घेवरी की उचित मूल्य राशन दुकान में देखने को मिला,जहां से घुन लगा गेहूं गरीब राशन कार्ड धारियों को वितरित कर दिया गया। जब इस बात की जानकारी गांव के सरपंच को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत खाद्य अधिकारी से की। आखिर कितनी मात्रा में गेहूं का लाट घेवरी पहुंचा था,कहा से लाट आया और कहा स्टोर किया गया था,जिम्मेदारों ने वितरण में भेजने से पहले गोदाम से जांच परख क्यों नहीं की ? अगर दूसरे जिले से गेहूं आया था तो सभी बोरी को बारी से चेक क्यों नहीं किया गया,क्या साहब की दूसरे जिले से अच्छे संबंध थे ?
पूरा मामला जिला के अमरपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम घेवरी का हैं जहां की शासकीय उचित मुख्य की दुकान से गरीबों को घटिया और घुन लगा गेहूं बड़ी मात्रा में वितरित कर दिया गया,घुन लगे गेहूं को देख ग्रामीण अचरज में आ गए और सूचना गांव के सरपंच को लगी लेकिन तब कई बड़ी मात्रा में घुन लगा गेहूं बांट दिया गया था,लेकिन जो गेहूं बचा था उसका फोटो वीडियो प्रणाम के रूप में रखा गया ताकि उच्च अधिकारियों को दिखाया जा सके।
घेवरी गांव में ज्यादातर ग्रामीण गरीब परिवार के हैं जिनके लिए सरकार से राशन उचित मूल्य की दुकान से दिया जाता हैं,जब गेहूं की बोरी में घुन लगा गेहूं था तो सेल्समैन ने इसकी सूचना क्षेत्र के प्रबंधक को क्यों नहीं दी,अगर दी तो कार्यवाही करते हुए गेहूं को ग्रामीणों से वापस क्यों नहीं बुलवाया गया। अब जब मामला तूल पकड़ा है तो देखना होगा कि कार्यवाही किस पर तय की जाती हैं।
दरअसल आदिवासी जिला डिंडोरी में कुछ नकारे और निकम्मे अधिकारियों की मिली भगत के चलते यह सभी गड़बड़ी जानबूझ कर की जा रही हैं,जहां घटिया और गुणवत्ताहीन गेहूं लगातार अलग अलग विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में वितरित किया जा रहा हैं।सूत्रों की माने तो अगर सेल्समैन सूचना भी देते है तो प्रबंधक उस पर पर्दा डाल देते हैं अगर प्रबंधक सूचना नान विभाग के अधिकारियों को देते हैं तो नान में बैठे अधिकारी ही उन्हें शांति धारण करने के निर्देश देकर लॉट खपाने में लग जाते हैं,आखिर बड़ा सवाल यही हैं कि इसमें बड़ा फायदा किसे हो रहा हैं?