सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में जब से कलेक्टर के रूप में नेहा मारव्या ने पदभार ग्रहण किया है तब से लेकर अब तक कई ताबड़तोड़ कारवाई उनके द्वारा की गई हैं,ये कारवाई या तो मीडिया की खबरों केमाध्यम से कलेक्टर ने संज्ञान लेकर किया है या स्वतः मौके पर जाकर देखा फिर एक्शन लिया। यही वजह हैं कि भ्रष्ट अधिकारियों में नेहा मारव्या की कड़ी कारवाई लेकर हड़कंप मचा हुआ हैं।
जानकारी अनुसार आठ पन्नो का एक शिकायत पत्र जो डिंडोरी जिले में न होकर सीधे भोपाल स्तर के बड़े अधिकारियों के मोबाइल में विगत कुछ दिनों से घूम रहा हैं,इस शिकायत पत्र को लिखने वाला अज्ञात शख़्स डिंडोरी जिले के कथित पत्रकार एवं समाज सेवी बताया जा रहा है जिसका नाम के एस राजपूत हैं,जब प्रभारी जिला जनसंपर्क अधिकारी चेतराम अहिरवार ने उक्त व्यक्ति के बारे में पतासाजी की तो कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी,जिससे प्रतीत होता है कि व्यक्ति के नाम से आधार हीन,झूठी और भ्रामक शिकायत कलेक्टर नेहा मारव्या के खिलाफ छवि धूमिल करने के उद्देश्य से की गई हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि हो शिकायत पत्र भोपाल स्तर के अधिकारियों के व्हाट्स एप में घूम रहा हैं उसमें कलेक्टर के खिलाफ कई गंभीर आरोप अलग अलग विभाग और अधिकारियों से पैसों की मांग को जोड़ कर की गई हैं,लेकिन सच्चाई को लेकर एक भी प्रमाण की छायाप्रति नहीं हैं,हमारे सूत्र बता रहे हैं कि कलेक्टर नेहा मारव्या का ध्यान भटकाने और उन्हें तनाव देने के उद्देश्य से के एस राजपूत नाम से किसी दूसरे व्यक्ति ने शिकायत की है ताकि नाम भी न आए और कलेक्टर की छवि जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक खराब हो सकें। सूत्र तो यह तक बता रहे है कि शिकायत में जब सभी विभागों का उल्लेख हैं सिवाय कुछ को छोड़कर तो शक की सुई की संभावना भी बन रही है?
ओछी और सड़क छाप शब्द : आठ पन्नो में की गई शिकायत में जिन शब्दों का उपयोग कथित शिकायतकर्ता ने किया हैं वह न तो पत्रकार की भाषा है और न ही समाज सेवी की,यह भाषा का उपयोग या तो टुच्चे टाइप के लोग करते है या सड़क छाप जो किसी व्यक्ति या जाति के विरूद्ध अपनी दूषित मानसिकता रखते हैं,उनके दिमाग में हमेशा कामयाब व्यक्ति के खिलाफ जहर भरा होता लेकिन वे कभी आगे आकर नहीं बोलते।
कलेक्टर ने पत्रकारों के समक्ष रखी बात : कलेक्टर नेहा मारव्या की इस मामले को लेकर तारीफ भी करनी पड़ेगी और हिम्मत की दाद भी देनी होगी कि अपने खिलाफ इतनी बड़ी चल रही साजिश को उन्होंने ने जिला के पत्रकारों बैठक कर न सिर्फ बात रखी बल्कि परामर्श भी लिया कि आखिर क्या ये गंदे शब्द जिला के सम्मानित पत्रकारों के हो सकते हैं ? डिंडोरी जिले के पत्रकार प्रमाण और सच के साथ ख़बर दिखाने के लिए स्वतंत्र है,जिले के पत्रकार भी इस झूठी और आधारहीन शिकायत से हैरत में हैं,अगर कोई मामला जिले में कलेक्टर के खिलाफ चल रहा होता या बाजार चर्चाओं में आती तो निश्चित पत्रकार इसे सूत्रों के हवाले से खबर में जगह देते ,लेकिन यह शिकायत जिसका आधार और प्रमाण के न तो हाथ है न ही पैर जो केवल भोपाल स्तर के अधिकारियों के व्हाट्स एप में घूम रही हैं,इससे साफ जाहिर होता है कि कलेक्टर नेहा मारव्या की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से यह कृत्य किया गया हैं,जिसको लेकर डिंडोरी कोतवाली में प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी के मार्फत शिकायत लिखित रूप से की गई हैं।