धमकी का वीडियो हो रहा जमकर वायरल
सेवाजोहार (डिंडोरी):- “ये क्या तरीका हैं, ऐसे गाड़ी रोकेंगे,चलो हटो,हटो यहां से, सबको अंदर कराता हूं”: ये शब्द किसी ओर के नहीं बल्कि जिला के डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक के हैं जो गरीब आदिवासी महिला को हटाने के दौरान गुस्से में धमकी दे रहे हैं। महिला आदिवासी थी अपनी समस्या लेकर गांव वालों के साथ आई थी,दुखड़ा बताते कलेक्टर को ताकि कलेक्टर जो खुद महिला है तो एक महिला की सुनवाई करती,महिला कलेक्टर नेहा मारव्या ने महिला सहित ग्रामीणों की समस्या काफी देर तक खड़े होकर समस्या सुनी भी और जैसे ही जाने के लिए अपनी कार में बैठी तो आदिवासी महिला ने कलेक्टर की कार के सामने आकर वाहन को रोकने का प्रयास किया,इसी दौरान डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक गरम हो गए और आदिवासी महिला पर भड़कते हुए अंदर कराने की धमकी दे डाली। अब साहब का यह वीडियो जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा हैं। हालांकि इसके पहले कलेक्टर नेहा मारव्या ने ग्रामीणों की सारी बात सुनकर उन्हें वनविभाग जाने की सलाह दी थी ताकि उनकी समस्या का समाधान किया जा सके।
इस दौरान महिला एसडीएम भारती मेरावी और फॉरेस्ट के बड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे लेकिन आदिवासी महिला द्वारा कलेक्टर की कार रोके जाने से डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक कुछ ज्यादा ही हाइपर हो गए और आदिवासी महिला को न सिर्फ डाट लगाई बल्कि उसके सहित गांव वालों को अंदर करवाने की धमकी दे डाली,यह पूरा घटनाक्रम वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया जो अब जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा हैं।
वायरल वीडियो को देख लोग अपनी कड़ी प्रतिक्रिया नौकरशाह डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक के खिलाफ दे रहे हैं और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से चाह रहे है कि ऐसे अधिकारी को जिले में न रखा जाए जो गरीब आदिवासी महिलाओं की बात सुनने और उन्हें भरोसे में लेने की बजाय डाट फटकार कर अंदर करवाने की धमकी देते हैं। वैसे भी डिंडोरी आदिवासी बैगा बाहुल्य जिला है जहां नौकरशाह बेलगाम हैं। जिसके चलते सरकार की छवि पर ऐसे अधिकारियों के कृत्य से खराब असर पड़ता हैं और भोले भाले ग्रामीण अधिकारियों के रूखे रवैए के चलते सरकार पर सवालिया निशान लगाने लगते हैं।
बीते दिन का घटनाक्रम : दअरसल जिला के करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बरेंडा की ग्राम उमरिया में बीते दिनों यानी सोमवार को लगभग 100 एकड़ से ज्यादा के एरिया से वन विभाग ने जेसीबी के माध्यम से कब्जा हटाया था,जिसको लेकर वहां के ग्रामीणों में खासा आक्रोश वन विभाग के खिलाफ पनपा। ग्रामीणों में आदिवासी बैगा परिवार थे जो जंगल में वर्षों से काबिज होकर खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते रहे,लेकिन वनविभाग ने अतिक्रमण हटाने के कारवाई करते हुए सब कुछ हटा दिया,जिसके चलते बरेंडा गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर न्याय मांगने कलेक्टर के पास मंगलवार की जनसुनवाई में डिंडोरी पहुंचे थे और डिप्टी कलेक्टर के गुस्से का शिकार हो गए।