सेवाजोहार (डेस्क):- मप्र के आदिवासी जिला मंडला में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने जिला परियोजना समन्वयक (DPC) अरविंद विश्वकर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। डीपीसी ने विद्या निकेतन ककैया स्कूल को मान्यता देने के नाम पर 1.20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। स्कूल का भवन पूर्ण नहीं होने से उसकी मान्यता समाप्त हो गई थी।
*घटना की मुख्य बातें:*
– *रिश्वत की मांग*: डीपीसी ने स्कूल संचालक रविकांत नंदा से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 1.20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
– *पहले भी दी जा चुकी है रकम*: संचालक ने 5 दिन पहले 50 हजार रुपये आरोपी को दिए थे, और 23 सितंबर को फिर से 60 हजार रुपये की मांग की गई।
– *रंगे हाथों पकड़े गए*: आज सुबह रिलायंस पेट्रोल पंप पर संचालक ने तय रकम का लिफाफा सौंपा, जिसे डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी आरती को देने को कहा। ईओडब्ल्यू की टीम ने दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया।
*ईओडब्ल्यू की कार्रवाई*
ईओडब्ल्यू डीएसपी स्वर्ण जीत सिंह धामी के नेतृत्व में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कार्रवाई जारी है। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। मध्य प्रदेश में इस तरह की कार्रवाई पहले भी हो चुकी है, जैसे कि डिंडोरी जिला में बीते दिनों EOW जबलपुर ने एक पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था।