सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा देर रात 12 कलेक्टरों की तबादला सूची जारी की गईं,जिसमें तीसरे नंबर पर डिंडोरी कलेक्टर नेहा मारव्या (2011) का नाम भी शामिल हैं। अब डिंडोरी जिला की कमान रायसेन जिले में जिला पंचायत रही सीईओ अंजू पवन भदौरिया को दी गई हैं। इस सूची में 12 कलेक्टरों सहित 24 IAS का तबादला किया गया हैं।
कलेक्टर नेहा मारव्या अपनी कार्य शैली के चलते लगातार शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे की निशाने पर रही हैं,बात अगर जनसुनवाई की करे या बैगाओ की समस्या की तो समस्या दूर जस की तस बनी हुई थी और आमजन खासे परेशान,यही कारण है कि हर जनसुनवाई में विधायक ओमप्रकाश धुर्वे आमजन की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचते थे बल्कि जिला कलेक्टर की ढीली कार्यप्रणाली पर आपत्ति दर्ज कराते रहे और सूचना मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं जिले की प्रभारी मंत्री प्रतिमा बागरी तक पहुंचती रही। इसके बाद विधायक ओमप्रकाश धुर्वे की कलेक्टर के प्रति नाराजगी बढ़ती गई और मीडिया में आए दिन विधायक के बयान सुर्खियों में रहे।
वही जिले के बैगा जनजाति के लोग भी बड़ी संख्या में अपने जमीनी अधिकार को लेकर डिंडोरी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे लेकिन उन्हें परेशान ही होना पड़ा,जिस पर कड़ा विरोध जिला प्रशासन के खिलाफ विधायक ओमप्रकाश धुर्वे का दिखा। बहरहाल विधायक ओमप्रकाश धुर्वे की नाराजगी से जिले की जनता कयास लगा रही थी कि कलेक्टर नेहा मारव्या ज्यादा समय के लिए डिंडोरी में नहीं रह पाएंगी और हुआ भी यही,8 माह का कार्यकाल बिता चुकी नेहा मारव्या को मंत्रालय में अपर सचिव बनाया गया है।
इतना ही नहीं कलेक्टर नेहा मारव्या पर जिले के शिक्षकों का बड़े व्यापक स्तर पर तबादला किए जाने का आरोप लगा था,जिसके बाद जिले भर से शिक्षक अपना विरोध दर्ज कराए,शासन ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगाते हुए स्थिति यथावत रखने के आदेश जारी किए थे,जिसके बाद कलेक्टर ने शासन को अपने आदेश पर पुर्नविचार के लिए पत्र लिखा लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।