कलेक्टर अंजू पवन की पहली जनसुनवाई में अधिकांश हुए संतुष्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी):- डिंडोरी कलेक्टर की जनसुनवाई में एक बुजुर्ग अपने 22 वर्षीय दिव्यांग बेटे को गोद में लेकर जब कलेक्टर के पास पहुंचा तो कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया देख हैरत में पड़ गईं। कलेक्टर ने बुजुर्ग के बेटे की समस्या पता की और कान की मशीन एवं ट्राय साइकिल दिलवाई,जिसे पाकर दिव्यांग के चेहरे जो खुशी दिखाई वह सुकून देने वाली थी। वही अधिकांश शिकायतकर्ता कलेक्टर अंजू पवन की पहली जनसुनवाई में त्वरित निराकरण से संतुष्ट होकर कलेक्ट्रेट से रवाना हुए।
ग्राम मुड़ियाकला निवासी बुजुर्ग प्रेमलाल नागेश ने बताया कि वे गरीबी में जीवन यापन करते है और सुग्रीव को लेकर कई बार पूर्व में कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ के पास आ चुके हैं,लेकिन उनकी समस्या की सुनवाई नहीं की गईं,जिससे सुग्रीव और उसके पिता मायूस थे,लेकिन वर्तमान कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया के द्वारा सुग्रीव की समस्या का जो त्वरित निराकरण किया गया उसे देख सुग्रीव और उसके पिता बेहद खुश दिखाई दिए और कलेक्टर का धन्यवाद किया।
दरअसल कुछ देर पहले जो दिव्यांग अपने पिता की गोद में आया था उसका नाम सुग्रीव मेहरा है जिसकी उम्र 22 वर्ष हैं,सुग्रीव कान,हाथ पैर से पूरी तरह से दिव्यांग हैं,जो चल फिर नहीं सकता लेकिन सुग्रीव पढ़ने में बेहद अच्छा हैं जिसे 12 वी क्लास में 64 प्रतिशत अंक मिले थे। सुग्रीव आगे पढ़कर कलेक्टर बनना चाहता हैं।
वही कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने बताया कि एक बुजुर्ग पिता अपने बच्चे को गोद में लेकर आए थे जो मुड़ियाकला गांव के रहने वाले थे,बुजुर्ग ने अपनी पीढ़ा व्यक्त की थी कि उसका बेटा जन्म से ही दिव्यांग हैं जिसे सुनाई नहीं देता और चलने फिरने में भी असमर्थ है साथ ही 70 प्रतिशत उसका विकलांग प्रमाण पत्र बना हुआ है,कलेक्टर ने दोबारा से सीएमएचओ और बोर्ड के माध्यम से जांच कराई तो दिव्यांगता 80 प्रतिशत प्रमाणित हुई। इसके बाद कलेक्टर ने एक ट्राय साइकिल और कान की मशीन सौंपी।
कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने समस्या लेकर पहुंचे एक बुजुर्ग पिता के दर्द को न सिर्फ कम करने प्रयास किया बल्कि दिव्यांग बच्चे के चेहरे पर मुस्कान और सम्मान जनक जीवन जीने की उम्मीद भी जगाई।