Thursday, October 16, 2025

लोकतंत्र के महापर्व की खूबसूरत तस्वीरे आई सामने,मतदान के लिए युवा,बुजुर्ग एवं दिव्यांग जन ने लिया बढ़चढ़ कर हिस्सा,जिले के सबसे छोटे कद के वोटर ने किया पहली बार मतदान

हर वर्ग ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग, सुबह से ही मतदान केन्द्रों में थी लम्बी कतारें

युवा, बुजुर्ग तथा दिव्यांग भी पहुँचे वोट देने

मंडला :  17 नवंबर को लोकतंत्र के महा त्यौहार में भाग लेने हर वर्ग उत्साहित दिखा। सुबह 7 बजे से मतदान केन्द्र में वोट देने आए हर वर्ग ने अपनी बारी का इंतजार करते हुए मतदान  किया। पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने को लेकर खासे उत्साहित थे। वहीं बुजुर्गों ने अपनी ज़िम्मेदारी की परंपरा का निर्वहन करते हुए लोकतंत्र के उत्सव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। दिव्यांग तथा थर्ड जेंडर ने भी देश के मताधिकार त्यौहार में बढ़-चढ़कर भाग लिया। आयोग के निर्देशानुसार मतदान केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की गई। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना एवं पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने कटरा, तिंदनी, सकरीजर, फूलसागर, लावरमुड़िया, लिंगापौंड़ी, सरस्वती शिशु मंदिर मंडला, माधोपुर, अंजनिया, पीपरपानी, बड़ी खैरी आदि मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया।

युवा मतदाताओं को कलेक्टर ने किया प्रेरित :-  मतदाताओं को जागरूक करने के लिए स्वीप गतिविधियों के माध्यम से जिला स्तर पर विविध गतिविधियां आयोजित की गई जिसके परिणाम स्वरूप लोकतंत्र में भागीदार बनने युवा मतदाताओं ने 17 नवंबर को मतदान प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक सहभागिता की। विभिन्न मतदान केन्द्रों के भ्रमण के दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने युवा मतदाताओं के अनुरोध पर उनके साथ फोटो भी खिचवाई। कलेक्टर ने मतदान केन्द्र आए मतदाताओं से आव्हान किया कि वे अपने परिवार, पास पड़ोस के लोगों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें।

घर में मतदान का विकल्प छोड़ केन्द्र पहुंचे बुजुर्ग और दिव्यांग भी :-  भारतीय लोकतंत्र में हर वर्ग के मतदाता का अपना महत्व होता है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान केन्द्रों में बुजुर्ग तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैम्प, व्हीलचेयर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई थी। साथ ही इस वर्ष नवाचार स्वरूप बुजुर्ग तथा दिव्यांग मतदाताओं को उनकी स्वेच्छा के आधार पर घर में ही मतदान करने की सुविधा प्रदान की गई थी। इसके बाद भी अनेक बुजुर्ग एवं दिव्यांगजनों ने अपने-अपने मतदान केन्द्रों में जाकर अपने मताधिकार का उपयोग किया। बुजुर्ग दंपत्ति अकलसिंह उम्र 88 वर्ष एवं मन्नो बाई उम्र 80 वर्ष ने निवास विधानसभा के सकरीजर मतदान केन्द्र में जाकर अपना मतदान किया। इसी प्रकार दिव्यांग भारत सिंह उरैती उम्र 58 वर्ष ने फूलसागर तथा संपतिया परते उम्र 80 वर्ष ने सकरीजर के मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का उपयोग किया।

30 इंच लम्बाई के कैलाश ठाकुर ने पहली बार किया मतदान :- मंडला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत खड़देवरा निवासी 30 इंच लम्बाई के 18 वर्षीय कैलाश ठाकुर उत्साहपूर्वक मतदान केन्द्र पहुंचकर पहली बार मतदान किया। पहली बार वोट देने की उमंग उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। कैलाश कहते है कि मैंने अपने जीवन का आज पहला वोट दिया है। मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितनी खुशी हो रही। देश के विकास में योगदान देना अपने आप में गौरव की बात है। देश के विकास से ही मेरा और सबका भविष्य जुड़ा है। हम सभी को राष्ट्र के लिए वोट करना चाहिए।

बहुत दिनों से था मतदान दिवस का इंतजार – वैशाली पटेल

पहली बार मतदान करने वाली वैशाली पटेल को बहुत दिनों से मतदान दिवस का इंतजार था। अंजनिया में रहने वाली वैशाली का कहना है कि जिस दिन उसे मतदाता पर्ची मिली थी उसी दिन से वह वोट करने के लिए बहुत उत्साहित थी। आज मतदान करके वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है। वैशाली के साथ वोट करने आई रजनी विश्वकर्मा एवं वंशिका प्रजापति ने भी पहली बार मतदान कर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी सहभागिता की।

अपने उज्जवल भविष्य के लिए मैने वोट किया- प्रीति साहू   आज लोकतंत्र का महापर्व है। इस त्यौहार में हर कोई अपनी ओर से योगदान देना चाहता है। देश का भविष्य बनाने में युवाओं का बड़ा योगदान है। युवा बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग करके बूथ तक आ रहे हैं। प्रीति कहती है कि पहली बार मतदान करने का अवसर मिला है। मुझे देश पर गर्व है और आज खुद पर भी हो रहा कि मैंने भी अपनी तरफ से देश के लिए कुछ किया और अपना वोट दिया। प्रीति साहू की उक्त बातें देश के विकास में योगदान देने वाले सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय है।

 

थर्ड जेंडर भी पहुँचे वोट देने :-    लोकतंत्र के महापर्व में हर वर्ग ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। युवा, बुजुर्ग, दिव्यांगों तथा सभी ने सुबह से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्साह दिखाया। थर्ड जेंडर वर्ग भी इस महापर्व में भाग लेने आगे आया। मतदान करने आए इस वर्ग ने लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को न केवल समझा बल्कि अपने साथियों के साथ सामूहिक रूप से वोट करने पहुँचे। यह वर्ग संविधान द्वारा दिये गये इस अधिकार के प्रति न केवल जागरूक है बल्कि देश के विकास के लिए अपने कर्तव्य को भी भलीभांति समझता भी है।

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