सेवाजोहार (मप्र,छग) से दीपक ताम्रकार
डिंडोरी : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री पर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि सोमवार की दोपहर को यह सस्पेंस खत्म होने वाला है। वही बात अगर सीएम की रेस की करे तो शिवराज सिंह चौहान,प्रह्लाद पटेल,ज्योतिरादित्य सिंधिया,नरेंद्र सिंह तोमर,कैलाश विजयवर्गीय ,फग्गनसिंह सिंह कुलस्ते के नाम सबसे आगे है। ऐसे में रविवार की दोपहर छत्तीसगढ़ राज्य के सीएम के नाम के ऐलान के बाद अब मध्यप्रदेश में कयास लगाए जा रहे है कि मध्यप्रदेश में चेहरा ओबीसी ,स्वर्ण या आदिवासी वर्ग से हो सकता हैं ? आदिवासी वर्ग को मध्यप्रदेश में प्राथमिकता देना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि आने वाले दिनों में जिन आदिवासी बाहुल्य राज्यो में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में मध्यप्रदेश के आदिवासी विधायको को तवज्जों देना दूसरे राज्यों के आदिवासी वोटबैंक को भाजपा के पक्ष में लाने में आसान रास्ता होगा। इसी के चलते केंद्र में बैठी भाजपा संगठन हर पहलुओं को बारीकी से ध्यान में रखकर कदम उठा रही हैं।
ओमप्रकाश धुर्वे ही क्यों :- भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे जिन्हें भाजपा संगठन ने महाराष्ट्र राज्य का सहप्रभारी बनाया था और ओमप्रकाश धुर्वे ने बखूबी अपने काम को अंजाम देते हुए महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। इसके बाद मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान शहपुरा सीट से प्रत्याशी बनाया जबकि ओमप्रकाश धुर्वे की पूरी तैयारी डिंडोरी विधानसभा के लिए हो चुकी थी लेकिन भाजपा संगठन से मिले आदेश को सर आँखों में रखते हुए ओमप्रकाश धुर्वे ने शहपुरा से चुनावी फाइट में जीत हासिल की है। जिससे संगठन में प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय इस्तर तक ओमप्रकाश धुर्वे की साख में आदिवासी चेहरे के रूप में ओर इजाफा हुआ है।
पूर्व में भी ओमप्रकाश धुर्वे उमा भारती की सरकार में मंत्री रहे फिर शिवराज सरकार में मंत्रिमंडल में अहम विभाग में बेहतर काम कर चुके है। जिसके बाद अब जिले की जनता सुबह से ही सोशल मीडिया के माध्यम से ओमप्रकाश धुर्वे को सीएम या डिप्टी सीएम के रूप में प्रदेश में देखना चाहती है। हालांकि ओमप्रकाश धुर्वे ने मीडिया को दिए पूर्व के बयान में साफ कर दिया है कि पार्टी संगठन जो फैसला करेगी वह सर्वमान्य होगा में जीत गया चुनाव मेरे लिए यही काफी है।
ओमप्रकाश धुर्वे को अगर केंद्र से हरी झंडी मिलती है तो आदिवासी जिलों के साथ साथ मंडला व डिंडोरी जिले में विकास की धारा को गति मिल सकती है। वही आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए शहपुरा विधानसभा क्षेत्र सहित डिंडोरी विधानसभा,मंडला,निवास एवं बिछिया क्षेत्र से भाजपा के पक्ष में आदिवासी वोटरों को तब्दील करने में आसानी होंगी। वैसे भी भाजपा के पक्ष में आदिवासियों के बीच माहौल बनाने में ओमप्रकाश धुर्वे अहम भूमिका निभाने में महाकौशल क्षेत्र में सबसे आगे है।
बहरहाल दिल्ली में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी कब कहा और क्या नया कर दे यह तो भाजपा संगठन के खास पदाधिकारियों को भी पता नहीं चल सकता हैं। लेकिन महाकौशल क्षेत्र में फग्गनसिंह कुलस्ते के बाद भविष्य में कोई अगर बड़ा आदिवासी चेहरा उभर सकता है तो वह ओमप्रकाश धुर्वे है जिन्हें आरएसएस भी पसंद करता है। अब देखना लाजमी होगा कि ओमप्रकाश धुर्वे मध्यप्रदेश में बनने जा रही भाजपा सरकार में किस रूप (सीएम,डिप्टी सीएम या कैबिनेट मंत्री) में सामने आ सकते है,सोमवार की दोपहर यानी कल तक का इंतजार करना पड़ेगा !