Thursday, November 21, 2024

1 दिसम्बर को कश्मीर के लाल चौक श्रीनगर से साइकिल यात्रा पर निकले हैं नीरज, 31 जनवरी को कन्याकुमारी पहुंचने का लक्ष्य, मोटे अनाज का बता रहे महत्व

नीरज का डिंडोरी आगमन पर हुआ भव्य स्वागत

डिंडोरी : हरियाणा सोनपत के रहने वाले युवा नीरज कुमार प्रजापति गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी पहुंचे। वे मोटे अनाज का महत्व बताने के साथ ही इस विषय पर जागरुकता को लेकर 1 दिसम्बर को कश्मीर के लाल चौक श्रीनगर से साइकिल यात्रा पर निकले हैं, 31 जनवरी को कन्याकुमारी पहुंचने का लक्ष्य है। नीरज गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ’अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में मोटे अनाज से पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसी उद्देश्य को लेकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रहने वाले लोगों और किसानों को मोटे अनाजों से मिलने वाले पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।              इसी उद्देश्य को लेकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रहने वाले लोगों और किसानों को मोटे अनाजों से लाभ और पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए साइकिल यात्रा पर निकले है। शहडोल से यात्रा प्रारम्भ कर आज गुरुवार की शाम को कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी पहुंचने पर केंद्र प्रमुख डॉ. हरीश दीक्षित, प्रिया कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ. डीएन श्रीवास सहित समस्त स्टाफ ने फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद नीरज प्रजापति कलेक्ट्रेट कार्यालय डिंडोरी पहुंचने पर कलेक्टर श्री विकास मिश्रा ने भी फूल माला के साथ अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि डिंडोरी की लहरी बाई जो मिलेट्स की ब्रांड एंबेसडर है उनसे कल मिलने जाएंगे। इसके बाद अपने गंतव्य के लिए रवाना करेंगे। नीरज ने बताया कि यात्रा के बारे में बताया कि 4200 किलोमीटर की यात्रा में वे एक दिन में लगभग 60 से 80 किलोमीटर तक साइकिल चलाते है।

सोशल मीडिया के माध्यम से घर वालों से बात करते हैं, जिससे उनके कुशलक्षेम की जानकारी मिल जाती है। नीरज ने बताया कि वे जहां भी जाते हैं। लोगों को मोटे अनाज के बारे में जानकारी देते हैं और इससे होने वाले लाभ के बारे में बताते है। पूरे भारत में जहां भी कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र है वहां जाकर अपने बारे में जानकारी देते है और वहीं रुक जाते है। नीरज केंद्र के आसपास के किसानों को मोटे अनाज से होने वाले लाभ, उपज के तरीके, भण्डारण सिंचाई की पद्धति की जानकारी दे रहे हैं।

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