सुपरवाइजर सोनल सैयाम ने ग्राम ढाबा में पहली बार माँ बनी बैगा महिला से गृह भेंट कर “क्रास केडल ब्रेस्ट फीडिंग” तकनीक के बारे में बताया।
घर-घर जाकर सिखाई जा रही हैं “क्रॉस क्रैडल होल्ड” की तकनीक
सेवाजोहार (डिंडोरी):– कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देशानुसार जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक बैगा धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए क्रॉस क्रैडल होल्ड तकनीक सिखा रही हैं। इसी क्रम में आज महिला बाल विकास परियोजना समनापुर की सुपरवाइजर सोनल सैयाम द्वारा बैगा बाहुल्य ग्राम ढाबा में फर्स्ट टाईम लेक्टटेटीन मदर (पहली बार माँ बनी महिला) से गृह भेंट कर क्रास केडल ब्रेस्ट फीडिंग टेक्निक बताया गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से माता द्वारा बच्चे को दूध पिलाने से बच्चे को आसानी से सम्पूर्ण आहार मिल जाता है। यह माता और बच्चा दोनों के लिए किस प्रकार से फायदेमंद है, यह संपूर्ण प्रक्रिया को समझाया है। ज्ञात है कि WGF अंतर्गत पोषण, ब्रेस्ट फीडिंग, फर्स्ट टाइम धात्री माता को ब्रेस्ट फ़िडिंग, स्वच्छता विषय पर ट्यूटोरियल लिंक से वीडियो प्रसारण किया जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और सुपरवाइजर को विगत दिनों दो चरणों में प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण में बताये गए विधि को मैदानी अमलों द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह विल्स ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण का परिणाम है कि बच्चों को सही तकनीक से स्तनपान कराए जाने का तरीका धात्री माताओं को पता चल रहा है। इस तकनीक से स्तनपान करने पर 6 माह में ही बच्चा तंदुरुस्त हो जाता है, क्योंकि इससे बच्चे को भरपेट दूध मिल पाता है।