दीपक ताम्रकार की रिपोर्ट
सेवाजोहार (डिंडोरी): मध्यप्रदेश की सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए लाख कवायद करें लेकिन हालात ऐसे है की सुधरने का नाम नहीं ले रहे। ऐसा ही कुछ नजारा आदिवासी जिला डिंडोरी में देखने को मिला जब दूरस्थ ग्राम पड़रिया कला में सरकारी स्कूल का भवन बारिश के चलते न सिर्फ जर्जर हो चुका है बल्कि शिक्षक और छात्र छात्राओं के बैठने लायक भी नहीं है। लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने के लिए शिक्षक जान जोखिम में डालकर पन्नी के सहारे छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए मजबूर है। प्राचार्य की माने तो इसकी जानकारी कई बार शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों को दी जा चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुईं।
मामला है डिंडोरी विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत पड़रिया कला जो अनूपपुर जिले के बार्डर पर है। यह एकीकृत शासकीय हाई स्कूल में कक्षा 6 वी से लेकर 10 वी तक कुल 119 बच्चे दर्ज है। सभी कमरों की छत से पानी टपकता है जिससे बचने के लिए शिक्षकों ने पन्नी सीलिंग में लगा दी है फिर भी पानी कही कही से टपक ही जाता है। औचक निरीक्षण में पहुंची जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू जितेंद्र ब्योहार ने चिंता जाहिर कर सहायक आयुक्त डिंडोरी को पत्राचार करने की बात कही है।
जहां प्राचार्य का कमरा है वहा भी यही हाल है शिक्षकों और प्राचार्य जिस कमरे में बैठते है उसके ऊपर भी सीलिंग से बारिश का पानी छत से लगातार टपक रहा है ,बारिश के पानी से बचने के लिए कमरे के भीतर पन्नी लगाई गई है जिसके चलते शिक्षक बैठते है। वही हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य राकेश गवले ने बताया की जब से में पदस्थ हुआ हूं तभी से स्कूल का भवन जर्जर है और छत लगता है गिरने की कगार पर है,कई बार लिखा पढ़ी कर चुके है लेकिन कोई सुधार नहीं होता है।
स्कूल की छात्र छात्राओं का कहना है की जब से बारिश शुरू हुई है तभी से स्कूल का छत टपक रहा है क्लास में पढ़ाई ठीक से नही कर पा रहे है और बैठने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन और सरकार से मांग है की जल्द से जल्द स्कूल का सुधार किया जाए।
बहरहाल खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन और सरकार क्या कार्यवाही करती है देखना लाजमी होगा।