रिपोर्ट/दीपक ताम्रकार
सेवाजोहार (डिंडोरी):- जिस तरह से हर इंसान के जीवन से लेकर मृत्यु तक का लेखा जोखा यमराज के पास रहता है उसी तरह से जिले में जितनी भी बसे दौड़ती है उसका फिटनेश,परमिट सहित अन्य सभी का लेखा जोखा जिला परिवहन विभाग के पास रहता है। जिलें की सड़कों में दौड़ने वाली बस की लाइफ लाइन भी शासन से निर्धारित है। लेकिन डिंडोरी जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटना जिला और प्रदेश शासन के लिए चिंता का विषय है तो वही कई जगह पर लाइन ऑर्डर भी बिगड़ने का आदेश बना रहता है। बावजूद इसके जिला परिवहन विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है सब लिफाफा के ऊपर निर्भर करता हैं,कंडम बसों के मलिका बेखौफ होकर कही का परमिट कही की बस चला रहे है और सड़क दुर्घटना को अंजाम दे रहे है तो वही घटना घटने के बाद भी जांच की जहमत जिला परिवहन विभाग या उसके अधिकारी नही उठाते। जिसके कारण घटना लगातार कंडम वाहनों सहित बिना परमिट की बसों से घट रही है और परिवहन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है बल्कि लिफाफा के वजन तले दबा हुआ है।
बीते दिनों दो घटना घटी पहली करंजिया थाना क्षेत्र के चोरा दादर के पास पलट गई थी तो वही दूसरी डिंडोरी कोतवाली थाना क्षेत्र के टाकी नाला के पास बाइक सवार दो युवकों को मौत के घाट उतार दी थी,जिसमें लग रहा था की परिवहन विभाग की नींद खुलेगी और जांच शुरू होगी,लेकिन हुआ वही जिसे जनता जानती है मामला ठंडे बस्ते में। आज रविवार की सुबह हिंद के राजा बस mh 35 k 1139 जिसकी हालत कंडम है और उसके द्वारा एक राह चलती महिला को टक्कर मार दी गई जो जिला चिकित्सालय में भर्ती है। सूत्रों की माने तो बस मालिक अब महिला के परिजनों को पैसे का लालच देकर मामले में समझौता करने का दबाव बना रहे है।
सूत्रों की माने तो जब से जिला परिवहन विभाग का प्रभार सुरेंद्र गौतम के पास आया है तभी से परिवहन कार्यालय में दलालों की दखल एकदम से बढ़ गई है। जिसका परिणाम है की कंडम बसों को बारात का परमिट देकर मुनाफा कमाने और लोगों को मौत के घाट उतारने के लिए दौड़ाया जा रहा है। कंडम बसों में यात्रियों की जान भी सुरक्षित नहीं है। अब देखना होगा की कार्यवाही कब तक कंडम बसों के मलिका पर होती है।