Saturday, October 18, 2025

मंडला की उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा अब आयोजन नहीं “उत्सव” में बदल रहा

उत्तरवाहिनी परिक्रमा में शामिल हुए हजारों नर्मदा भक्त,सफल आयोजन की सभी ने तारीफ की

सेवाजोहार (मंडला):- मंडला में दो दिवसीय (27,28 मार्च) उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा का आयोजन महिष्मति समिति के द्वारा आयोजित किया गया। चैत्र मास की इस नर्मदा परिक्रमा में शामिल होने मंडला जिले के आसपास जिले सहित कई राज्यों से नर्मदा भक्त मंडला पहुंचे। माहिष्मति मां नर्मदा उत्तरवाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा जानकारी दी गई कि दो दिन की इस नर्मदा परिक्रमा में भोजन,नाश्ता,चाय और रुकने की व्यवस्था निःशुल्क की गईं थी। वही परिक्रमा की शुरुआत होते ही महाराजपुर संगम घाट से लेकर घाघा गांव तक जगह जगह सेवादार परिजनों ने चाय,नाश्ता,पानी,फ्रूटी,फल फूल,छाछ, लस्सी वितरित कर मंडला का नाम अन्य जिले व राज्यों से आए नर्मदा भक्तों के दिलों में जगह बना दी। इसी तरह से घाघी घाट से नौका पार कर नर्मदा भक्त बबेहा घाट पहुंचे जहां मंडला मधुरम स्वीट्स परिवार की तरफ से बेहतरीन नाश्ते की व्यवस्था सभी परिक्रमा वासियों के लिए की गई,जिसे पाकर परिक्रमावासियो ने जमकर प्रशंसा की। बबेहा मुख्य मार्ग पहुंचकर नर्मदा भक्तों का जत्था मंडला की ओर रवाना हुआ इस दौरान जगह जगह जलपान सेवादारों के द्वारा कराया गया, नर्मदे हर का जयघोष लगते रहे।फिर जत्था विशाल रैली का रूप धारण करते हुए शहर मंडला के किला घाट पहुंचा और व्यास नारायण मंदिर में नर्मदा जल अर्पित कर उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा का समापन किया गया। दूर दूर से आए नर्मदा भक्तों ने परिक्रमा के सफल आयोजन से लेकर समापन के लिए समिति के सदस्यों और सेवादारों की जमकर सराहना की।

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संपूर्ण नर्मदा परिक्रमा जितनी पुण्यदाई है उत्तर वाहिनी नर्मदा परिक्रमा : मध्य प्रदेश राज्य मे प्राचीन माहिष्मती जिला मंडला नगर के बीच में स्थित त्रिवेणी संगम महाराजपुर से लगभग 23 किलोमीटर दूर घाघी तक नर्मदा उत्तर वाहिनी है। अतः मंडला में स्थित त्रिवेणी संगम पुण्यदायी है। उत्तर वाहिनी का मतलब है उत्तर दिशा की तरफ बहना। किसी भी नदी का उत्तर दिशा की तरफ बहना बहुत पुण्यदाई समझा जाता है। काशी (वाराणसी) मे वरुण घाट से अस्सी घाट तक गंगा उत्तर वाहिनी है इस लिये काशी पुण्यदाई है। नर्मदा पुराण और स्कंद पुराण मे बली राजा की एक कथा है। इस कथामे स्वयं नर्मदा मैया ने कहा है कि ” चैत्र माह मे उत्तर वाहिनी परिक्रमा करने से पुरी परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होता है। तीन साल तीन महिने और तेरा दिन की परिक्रमा करना सामान्य आदमी के लिये संभव नही होता है। इस लिये मध्य प्रदेश के मंडला जिले में चैत्र माह मे प्रतिवर्ष होने वाली दो दिवसीय उत्तर वाहिनी परिक्रमा आम आदमी के लिये सूनहरा अवसर होता है। मंडला- घाघी – मंडला तक दोनों तटों की कुल 46किलोमीटर की दो दिवसीय नर्मदा उत्तर वाहिनी परिक्रमा ऐसी ही पुण्यदायी परिक्रमा है।

अप्रैल माह में भी परिक्रमा दो दिन की होना है,जल्द अपडेट दिया जाएगा

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