सेवाजोहार (डिंडोरी):- जिले के ग्राम धनुवासागर स्थित सांदीपनि शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिंडौरी में सृजन कार्यक्रम (भविष्य से भेंट) का सफल एवं प्रेरणादायी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता, सृजनात्मक सोच, समस्या समाधान क्षमता एवं विभिन्न कौशलों को मंच प्रदान करना रहा।
कार्यक्रम में विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान सहित विभिन्न विषयों पर आकर्षक मॉडल एवं चार्ट प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका अभिभावकों, शिक्षकों एवं जनप्रतिनिधियों ने अवलोकन किया और विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना की।
इस अवसर पर विद्यालय के सभागार कक्ष में पालक-शिक्षक सामूहिक बैठक का भी आयोजन किया गया। बैठक में मंच संचालन का दायित्व डॉ. कंचन बर्मन ने निभाया। शिक्षकों द्वारा विद्यालय में प्रतिदिन संचालित शैक्षणिक गतिविधियों एवं सहगामी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें प्रवेश रूटीन, प्रिंट-रिच गतिविधियाँ, मॉर्निंग मीटिंग, स्कूल असेंबली, जीवन कौशल उमंग, आनंद सभा, करियर गाइडेंस, सर्कल टाइम, सीसीएलई, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा तथा एमपी टूरिज्म प्रतियोगिता शामिल रहीं।
साथ ही विद्यार्थियों के हित में संचालित शासकीय योजनाओं जैसे निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक, सायकल योजना, छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय मींस-कम-मेरिट छात्रवृत्ति, मेधावी छात्र-छात्राओं हेतु स्कूटी व लैपटॉप योजना, अपार आईडी, यू-डाइस, मध्याह्न भोजन तथा विभिन्न जयंती एवं त्योहार आयोजनों की जानकारी भी अभिभावकों को दी गई।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय के प्राचार्य जे.एस. मरकाम एवं प्रधानपाठक सुखदेव सिंह उद्दे ने अभिभावकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए गए, वहीं 100 प्रतिशत उपस्थिति वाले विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त एमपी टूरिज्म जिला स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेता रही सांदीपनि विद्यालय की टीम के विद्यार्थी दीपक गौतम, रूद्रप्रताप झारिया, तेजराम बिलागर एवं प्रभारी शिक्षक मनीष कुमार सोनी को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सहभागिता हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में विद्यालय की सक्रिय भूमिका को एक बार फिर सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।