वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा
डिंडोरी : इन दिनों जिला मुख्यालय में सट्टे का कारोबार बेखौफ चल रहा है,आलम यह है की सट्टा खेलने वाले भी जीती हुई रकम की मांग करने पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच जाते है,जिसे मीडिया ने पहले भी पुलिस प्रशासन के संज्ञान में ख़बर ला चुका है। लेकिन बावजूद इसके सटोरियों में जरा सा खौफ नहीं,और वह निर्भीक होकर इस अवैध कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे है। बता दें की लगभग एक माह पूर्व ही जिला मुख्यालय में पंजाब बैंक के सामने एक सटोरिये पर प्रशासनिक महकमे द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुऐ सटोरिए के ठिकाने को नेस्त – ओ – नाबूत किया गया था,लेकिन सटोरिये के हौसले को तोड़ पाने में नाकामयाब रहे ,नतीजतन सटोरिए ने नई तरकीब निकाली और उक्त ठिकाने पर ही पुनः कब्जा जमाया और नजदीक ही एक 200 रुपए दिन का कर्मी जो प्रातः 11 बजे से सांध्यकाल चाय – नाश्ते की दुकान बंद होने तक खेलने वालों का इंतजार करता हैं और फिर हाईटेक तरीके से अपने मोबाइल पर वह नंबर अंकित कर लेता है, जिस पर की खेलने वाले ने दांव खेला था।
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कुछ ऐसे होता है ग्राहकों का इंतजार — लोक निर्माण विश्राम गृह के नीचे और पंजाब बैंक के ठीक सामने सट्टे का कारोबार जगजाहिर है,संभवतः इसी के चलते सट्टा प्रेमियों की चहल कदमी यहां दिनभर चलती है,और फिर यहां चाय – नाश्ते और बीड़ी सिगरेट का भी भरपूर प्रबंध है, जिसके चलते सटोरिया या उसके कर्मी भी यही बैठकर इत्मीनान से इस अवैध कारोबार को अंजाम देते है। और किसी को संदेह भी नही होता,फिर खेल प्रेमियों का दिल भी खेले बगैर नहीं मानता और वह ढूंढ निकालते है,ऐसे सटोरियों को जिन पर किसी को संदेह भी ना हो और कुबेर जेड कल्याण का कारोबार चलता रहे।लेकिन हम भी कहां शांत रहने वाले थे,मौके पर ही धर दबोचा सटोरिए को जिसके मोबाइल ने सब स्पष्ट कर दिया की आप ठिकाने तो तोड़ सकते हैं,लेकिन इनका हौसला नहीं।
तकनीक का उपयोग — एक दौर था जब सटोरिए सट्टा पट्टी लिखने कागज और पेन का उपयोग करते थे,लेकिन बदलते परिवेश ने इस तकनीक को और अधिक विकसित कर दिया है,अब सटोरिए सीधे तौर पर व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सीधा उपयोग करते है ,और इसी पर सट्टा मटका कुबेर और कल्याण का नंबर खेलने वाले के नाम सहित दर्ज कर लिया जाता है, और सटोरिए इस तकनीक का इस्तेमाल घर बैठे कर सकते है,बस इसके लिए आपको एक 200 रुपए दिन का कर्मी हायर करना पड़ेगा जो पूरी रिस्क लेते हुए आपको घर बैठे पूरी लिखी हुई पट्टी व्हाट्सएप पर भेज देगा। बहरहाल आपको बता दें की जिस स्थल पर यह कारोबार संचालित हो रहा है वहां से कार्यालय पुलिस अधीक्षक की दूरी महज 400 मीटर और थाना कोतवाली की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।