सेवाजोहार (डिंडोरी):– एक अध्यक्ष जिसकी नैतिक जिम्मेदारी होती हैं सभी आयोजनों, पर्वों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना और उनमें शामिल होना,ताकि सतत संपर्क और व्यवहार से वे लोगों का दिल जीत सकें। लेकिन डिंडोरी जिले में दो बड़ी पार्टियों के अध्यक्ष होली जैसे बड़े त्यौहार से दूरी बनाए हुए हैं। कोई गांव में तो कोई दूसरे राज्य में जाकर होली पर समय बिता रहे हैं। जब मामला सोशल मीडिया के जरिए जन चर्चाओं में आया तो एक अध्यक्ष का तो पता नहीं पर दूसरे अध्यक्ष ने आनन फानन में अपनी पार्टी कार्यालय में होली मिलन समारोह मय तारीख के रखने की पोस्ट कर औपचारिकता पूरी कर ली वह भी रंग पंचमी के एक दिन पहले क्योंकि उनके बड़े नेता रंग पंचमी अपने गांव में हर साल बड़े धूमधाम से मनाते हैं तो वहां हाजिरी लगाने जाना ही पड़ता हैं।
खैर डिंडोरी में शुरू हुई बड़ी पार्टी के अध्यक्ष की नई परिपाटी नगर के किसी भी प्रबुद्ध जनों को समझ नहीं आई,क्योंकि सनातन धर्म का झंडा बुलंद करने वाले दल के नेता ही अगर हिंदू त्यौहारों से दूरी बनाते हुए दूसरे राज्य जाकर समय गुजारेंगे तो सवाल और बवाल मचना स्वामभविक हैं। हालांकि मामला जब पार्टी के आलाकमान को भोपाल में पता चली तो किरकिरी भी होना शुरू हो गई। दूसरे राज्य में होली का समय गुजार रहे डिंडोरी के अध्यक्ष ने आनन फानन में होली मनाने का फैसला किया ताकि फोटो वीडियो भोपाल बैठे आलाकमान को भेजी जा सकें। लेकिन महोदय समय तो गुजर गया जब आपको नगर के उन दुखी परिवारों में शामिल होना था जो पार्टी समर्थक रहे हैं जिनकी पहली दुख की होली हैं जिन्हें संबल देना आपकी और पार्टी की जिम्मेदारी थी,वही होली के दूसरे दिन बड़ा आयोजन करना था जिसमें सभी वर्ग आपके आयोजन में शामिल होते लेकिन आप यहां भी चूक गए फिर गांव गांव होली के दौरान आयोजित फॉग कार्यक्रम में आपको जाना था ताकि सभी वर्गों के बीच आपकी उपस्थिति देख लोगों में आपके प्रति विश्वास जागता जो चुनाव के दौरान फायदें मंद रहता।लेकिन कहा महोदय तो पार्टी को एक तरफ रखकर दूसरे राज्य सुकून के पलों को तलाशने होली त्यौहार छोड़ निकल पड़े,जो अब जन चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
(होली विशेष : बुरा न मानो होली हैं)