सेवाजोहार (डिंडोरी):- 23 जून को वन विभाग द्वारा करंजिया ब्लाक के बरेंडा ग्राम में पीढ़ियों से निवासरत और खेती करते आ रहे किसानों के घर और खेतों को भरे बरसात में उजाड़ने के खिलाफ जयस के नेतृत्व में सर्व आदिवासी समाज का महा आंदोलन करंजिया ब्लाक मुख्यालय में आयोजित किया गया,जिसमें मप्र के दर्जनों जिलों से जयस,आदिवासी युवा, समाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए। अमानवीय तरीके से भारी बरसात में वन निवासियों का घर उजाड़ने के खिलाफ सम्पूर्ण मप्र में आक्रोश है कार्यक्रम में हजारों के संख्या में आदिवासी शामिल हुए,हजारों किमी मनावर से चलकर आए राष्ट्रीय जयस संरक्षक डॉ हिरा अलावा ने मोहन यादव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासियों को हटाने का कूटनीतिक और राजनैतिक षड्यंत्र कर रहे हैं।डॉ अलावा ने कहा कि सरकार संविधान के बनने के पहले से ही आदिवासी जंगल में रह रहे है,बंरेडा के आदिवासियों को न्याय नहीं मिला तो 10 राज्यों के आदिवासियों को घड़ा करके आंदोलन करेंगे,अलावा ने पिपरिया बजाग ब्लाक में बॉक्साइट खदान की जमींन की फर्ज़ी तरीके से रजिस्ट्री के खिलाफ भी जमकर हल्ला बोला,अलावा ने कहा कि भारत के संविधान कहीं नहीं लिखा कि भरी बरसात में आदिवासियों को घर तोड़ दो।13 दिसंबर 2005 से पहले से निवासरत और खेती की जमीन का व्यक्तिगत और सामुदायिक पट्टा देने का अधिकार दिया है।भरे बरसात में घर तोड़ने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो सम्पूर्ण मप्र के आदिवासी मिलकर कार्यवाही करेंगे,धरना प्रदर्शन सिर्फ शुरुआत है आगे की लड़ाई इससे और शानदार होगी और 10 राज्यों के आदिवासी शामिल होंगे।
डिंडोरी के तेज तर्रार आदिवासी नेत्री मनेरी सरपंच संगीता प्रेम शाह मरावी ने कहा कि आदिवासियों की लड़ाई सिर्फ़ आज की नहीं है हमारी लड़ाई तो तब से है जब से सरकारें आईं हैं।सरकार कहती हैं ग्राम सभा सबसे बड़ी समिति है परंतु आज की स्थिति यह है कि आपके गांव में घुसकर आपके घरो को उजाड़ते है,ये धरती सबकी है फिर सरकार ने कैसे आपके घर उजाड़ा दिया,संगीता ने कहा कि अलावा जी ने कहा कि धार से हजारों किमी दूर से आपके लिए लड़ने के लिए आए हैं।हमारी लड़ाई राशन और समग्र आईडी की नहीं है हमारी लडाई इस धरती कि है वो पट्टा सरकार हमको सौंपे।
*गोंडवाना कृषि आवासीय विद्यालय देवरी को 1 लाख देने की घोषणा*
डॉ अलावा ने गोंडवाना कृषि आवासीय विद्यालय टिकरा देवरी का दौरा किया और गोंडी भाषा को सुनकर भावुक हो गए और आदिवासी भाषा और बोली को बचाए रखने के लिए संकल्प लिया।आवासीय विद्यालय के संचालक और बच्चों को मार्गदर्शन दिया और सफल संचालन के लिए 1 लाख रूपए सहयोग देने की घोषणा किया,आज तक इस विद्यालय में कितने स्थानीय प्रतिनिधियों ने दौरा किया है या नहीं परंतु एक हजार किमी से आकर राष्ट्रीय जयस संरक्षक डॉ हिरा अलावा ने एक लाख रुपए देकर आदिवासी एकता का शानदार परिचय दिया और बच्चों और शिक्षकों को शुभकामनाएं भी दिया।
*बरेंडा पहुंचकर अलावा ने ग्रामीणों से वार्तालाप किया ग्रामीणों ने बताया कि संबंधित जमीनों पर इन परिवारों का सदियों से कई पीढीयो से कब्जा है,और निवासरत है फिर भी बिना नोटिस भरे बरसात में उनके घरों को तोड़ा गया महिलाओं से मारपीट किया बच्चों को मारा और अनाज को तितर बितर कर दिया जिसके कारण पीड़ित परिवार तिरपाल के पंडालों में रहने पर मजबूर हैं,बिजली के तार और खंबे भी गिरा दिए गए ये अमानवीय ही नहीं अंसवैधानिक है क्योंकि संविधान में कभी-कभी नहीं लिखा कि भारी बरसात में आदिवासियों का घर तोडा जाए।
डॉ अलावा ने इंदिरा गांधी ट्राइबल नेशनल यूनिवर्सिटी का दौरा किया और वहां के छात्रों, रिसर्च स्कॉलर और शिक्षकों से जानकारी और समस्याएं सुनी और समस्याओं के निराकरण के लिए यथासंभव प्रयास का भरोसा दिलाया और राष्ट्रीय जनजातीय आयोग तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया।
ट्राइबल नेशनल यूनिवर्सिटी अमरकंटक और बरेडां सहित मप्र के आदिवासियों के समस्याओं को लेकर अलावा दिल्ली रवाना हो गए और विधानसभा से लेकर ट्राइबल कमीशन तक आवाज उठाने का आश्वासन दिया।