सेवाजोहार (डिंडोरी):- मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में सहायक आयुक्त विभाग में थोकबंद हुए शिक्षकों और अधीक्षकों के तबादले के विरोध में पहले विपक्ष और अब सत्ता पक्ष आ गए हैं। यह तबादला कुछ दिनों पहले कलेक्टर के अनुमोदन पर डिप्टी कलेक्टर जो सहायक आयुक्त विभाग के प्रभारी रहे हैं उनके द्वारा किया गया हैं ऐसा आरोप जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू ब्यौहार ने लगाए हैं। वही सत्ता पक्ष द्वारा मुद्दा उठाने के पहले ही विपक्ष के कांग्रेस नेता एवं डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी लिखित शिकायत कर चुके हैं और पत्र के माध्यम से कहा है कि शिक्षकों का तबादला शासन के नियम विरुद्ध किया गया है। अब ऐसे में समझा जा सकता हैं कि अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही जिले में शिक्षकों और अधीक्षकों के तबादलों को नियम विरुद्ध बता रहे हैं तो आखिर सुनवाई कौन करेगा ? क्या मामला भोपाल के विधानसभा में गूंजने वाला हैं!
पहले विपक्ष ने उठाया मुद्दा : जिले के शिक्षकों और अधीक्षकों के तबादले का विरोध सबसे पहले कांग्रेस के डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने अपने लेटर पैड के जरिए 6 जुलाई को उठाया। जिसमें कलेक्टर को पत्राचार करते हुए डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने लिखा है कि सहायक आयुक्त के पत्र क्रमांक 604,605,606 दिनांक 3 जुलाई 2025 को प्राथमिक शिक्षकों,माध्यमिक शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है,उक्त आदेश में शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया हैं,जिनमें विकलांग,विधवा,महिला,पति पत्नी समायोजन,जिनकी सेवा निवृति में 6 माह शेष है,बीमार आदि,साथ ही एक ही विद्यालय से स्थानांतरण वही दूसरे की पदस्थापना की गई हैं गलत हैं। विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने उक्त स्थानांतरण आदेश निरस्त कर नियमानुसार स्थानांतरण किए जाने की मांग कलेक्टर से की हैं।
सत्ता पक्ष के गंभीर आरोप : भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते और जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू ब्यौहार जो जिला पंचायत में शिक्षा समिति की सभापति भी हैं उनके द्वारा प्रभारी सहायक आयुक्त वैधनाथ वासनिक पर लेनदेन के गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र क्रमांक का हवाला देते हुए नियम विरुद्ध शिक्षकों और अधीक्षकों के स्थानांतरण करने की बात कही हैं,रुदेश परस्ते और अंजू ब्यौहार का आरोप है कि छात्र छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण सुविधा नहीं दी जा रही है और अधिकारी मनमाने तरीके से शिक्षकों और अधीक्षकों का तबादला कर रहे हैं जो नियमानुसार गलत हैं।हम चाहते है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो और शासन के नियम के तहत शिक्षकों का स्थानांतरण हो।
वही इस पूरे मामले में डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी सहायक आयुक्त वैधनाथ वासनिक का कहना है कि शिक्षकों का स्थानांतरण शिक्षा व्यवस्था में सुधार के चलते नियम के तहत कलेक्टर के अनुमोदन पर किया गया हैं।
हालांकि जिले में हुए शिक्षकों और अधीक्षकों के थोक बंद स्थानांतरण का मुद्दा अब विवादित भी हो गया हैं। जहां आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी हैं,लेकिन वही विपक्ष और सत्ता पक्ष के द्वारा अगर शिक्षकों के जिला में स्थानांतरण का विरोध नियमों का हवाला देते हुए किया जा रहा हैं तो यह मसला अब भोपाल स्तर से ही सुलझने की उम्मीद जताई जा रही हैं,अगर वाकई स्थानांतरण में नियम की अनदेखी की गई हैं तो कारवाई किस पर की जायेंगी यह देखना लाजमी होगा।