मंडला :- जिस दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था उसी दिन मंडला जिला में आत्मदाह के लिए चिता तैयार थी भारी भीड़ जुटी हुई थी लेकिन प्रदर्शकारियों की तैयारी में पुलिस में पानी फेर दिया और आत्मदाह होने से रुक गया।
मंडला जिले के नैनपुर में यह सारी घटना घटी जहाँ नैनपुर थाना के सामने आत्मदाह के लिए नैनपुर को जिला बनाओ समिति के सदस्य अपनी मांग पर अड़े हुए थे।
अपने निर्धारित समय के अनुसार जैसे ही समिति के संयोजक विमलेश सोनी और सेवा निवृत्त नगर निरीक्षक सुमिता यादव ने मंच से उतरकर अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाला पुलिस ने उन्हें हुज्जत और अफरा तफरी के बीच अपनी अभिरक्षा में ले लिया । फायर फाइटर से पानी की बौछार और छोड़े गये अश्रु गैस के बीच प्रशासन ने दोनों प्रदर्शनकारियों को नजर बंद कर लिया। अपनी कुशलता से स्थानीय पुलिस प्रशासन ने आत्मदाह को रुकवाकर कर एक बड़ी घटना को टाल दिया।
जिला बनाये जाने की मांग से जुड़ा यह आंदोलन पिछले 47 दिनों से लगातार जारी है। क्रमिक अनशन के बीच आत्मदाह की घोषणा ने इसे जनभावनाओं में बदल दिया है। आंदोलन के दौरान जब दोनों को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में लिया तो प्रदर्शन करी सड़क में धरने पर बैठ गए। जहां जमकर नारेबाजी करते हुए अपने साथी को छोड़ने की मांग करने लगे। इसी बीच पुलिस ने समझाइश के साथ उन्हें हटाने का प्रयास किया। मगर सभी तत्काल रिहाई की बात के साथ उग्र होते गये। जब पुलिस ने सुश्री सुमित यादव को बाहर किया तब प्रदर्शकारी सड़क से हटे।
संयोजक की तबियत बिगड़ी अस्पताल में भर्ती
इसी बीच हुज्जत और प्रदर्शन के बीच समिति सयोजक विमलेश सोनी को जब पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में लिया तो उनका बीपी अत्यंत कमजोर होने के कारण वे गिर गए। आनन फानन में उन्हें एम्बुलेंस से शासकीय चिकित्सालय में भर्ती किया गया। जहां पंक्तियों के लिखे जाने तक उनका उपचार किया जा रहा है। चिकित्सको ने बताया कि उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार हो जाएगा।