डिंडोरी / शहपुरा :- प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता, बुध्दिदाता, भगवान गणेश जी की आराधना का पर्व गणेशोत्सव लगातार 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक विधि-विधान से पूजन-अर्चन, भजन-कीर्तन कर हर्षोल्लास से मनाया गया। वहीं दसवें दिन अनंत चतुर्दशी को जगह-जगह हवन और भंडारे का आयोजन किया गया । इसके पश्चात गणेश प्रतिमाओं का शहपुरा, करौंदी, बरगांव, बिलगांव, बांकी, रनगांव, मंगेला, सुरजपुरा सहित अन्य सभी ग्रामीण क्षेत्रों में गणेश प्रतिमाओं का चल समारोह भव्य तरीके से ढोल-ढमाके और डीजे की धुन पर और आतिशबाजी करते हुए, रंग-गुलाल उड़ाते हुए निकाला गया।
इस पारंपरिक चल समारोह में भारी संख्या में लोग अपने-अपने नगर और गांव में शामिल हुए। विसर्जन चल समारोह के पश्चात गणेश प्रतिमाओं को आरती पूजन करने के पश्चात नदी व तालाबों में विधि-विधान से विसर्जन किया गया। वहीं कुछ प्रतिमाओं का शुक्रवार को विसर्जन किया जाएगा।
वही घर घर विराजे भगवान गणेश की पूजा अर्चना में सभी आयु के भक्त दिल जान से करते है लेकिन खासा लगाव भगवान गणेश से बच्चो का रहता है। विसर्जन के दौरान डिंडोरी नगर के डेमघाट और जोगीटिकरिया घाट में मासूम बच्चें अपने माता पिता के साथ हर्षोल्लास के साथ नाचते झूमते पहुँचे लेकिन जैसे ही विसर्जन कुंड में गणेश की प्रतिमा को लेकर पहुँचे तो उनकी आँखों से आँसू छलक उठे। बच्चों की मासूमियत देख परिजनों ने उन्हें ढांढस बंधाया।
पुलिस रही अलर्ट मोड़ पर
गणेश विसर्जन कार्यक्रम को लेकर डिंडोरी नगर सहित जिले के थाना चौकी की पुलिस यातायात व्यवस्था के साथ साथ हर घाटो पर सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रही। वही देर रात तक शांति व्यवस्था कायम रही और गणेश प्रतिमा का विसर्जन का दौर जारी रहा।